गुटखे की जमाखोरी से लाखो की कमाई : दुकानो से राशन गायब
जामनेर (नरेंद्र इंगले): कपास , मूंग , उडद की उपज बाजार मे आना आरंभ हो गया है ! डेढ़ महीने बाद दीवाली है तब लगभग सारा कृषी उपज बाजार तक पहुचेगा ! किसानो और उनसे जुड़े तमाम श्रमजीवियो के पास थोड़ा बहुत रुपया होगा जिसे वह दीवाली के त्योहार के लिए अपने बजट मे फ्रेम करेंगे ! इसी अवसर का लाभ उठाने मे महारत हासिल कर चुके जमखोरो ने सभी जरूरी चीजो के साथ गुटखे की भी जमाखोरी करना शुरू कर दिया है ! वैसे सरकारी विज्ञापनो के मुताबिक राज्य मे गुटखा बंद कर दिया गया है ! कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए पान मसाले की शक़्ल ले चुका गुटखा मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र मे लाया जा रहा है ! 10 रुपए का पाउच 15 और 20 का 25 रुपये मे बेचा जा रहा है ! इस धंदे मे लोकप्रिय नेताजी के पार्टी कार्यकर्ता से ठेकेदार बने लोग संलिप्त है ! जमाखोरी गुटखे तक हि सीमित नही है अभी तो चीनी , तेल , गेंहू समेत अन्य चीजे भी मुनाफाखोर तत्वो द्वारा जबरन इस श्रेणी मे लाई जा रही है ! अनाज औषधी प्रशासन नाम का विभाग अपने अफसरो को मोटी पगार देने के अलावा कोई काम नही कर रहा है !
कोरोना अनलॉक फेज मे राज्य सरकार द्वारा सभी राशन कार्ड धारको को सस्ते दाम पर राशन देने का निर्णय लिया गया था ! आज सितंबर और अक्टूबर का राशन दुकानो से गायब हो चुका है ! मतलब साफ है दिवाली के चलते मुनाफे के लिए सरकारी राशन माल की भी जमाखोरी शुरू हो गई है ! शराब की बात करे तो कभी भी महकमे के साथ सड़को पर नजर नही आने वाला शराब बंदी विभाग आज कारवाई के नाम पर शहरो मे लायसेंसी शराब दुकानो की खाक छान रहा है इसी दौरान क्या करवाई चल रही है इसका अंदाजा हर कोई लगा सकता है !
जामनेर नगर परिषद ने बरसो बाद बड़ी मुश्तैदी के साथ आवारा कुत्तो को पकड़ने की मुहिम शुरू की है मुहिम मे आवारा सुवरो को लेकर कोई योजना सुनने मे नही है ! कोरोना उन्मूलन के नाम पर सरकारी खजाने से नगर परिषद का काफी कुछ खर्चा हो गया होगा जिसका हिसाब ऑडिट तक बिठाना तो होगा !