नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). महत्वपूर्ण मामलों में कोर्ट की कार्यवाही का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया जा सकता है. केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में यह सूचित किया गया. कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान 3 मई को केंद्र से इस पर सुझाव मांगा था.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने सभी पक्षकारों से कहा कि वे इस संबंध में दिशा-निर्देश तैयार करने के बारे में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को अपने सुझाव दें. बेंच में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूंड़ भी शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर यह व्यवस्था लागू की गई तो पहले इसे एक अदालत में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा. बाद में इसका बाकी अदालतों में विस्तार किया जाएगा. कोर्ट ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और दूसरे वकीलों से सलाह मांगी. वेणुगोपाल ने कहा कि अगर अदालत अपनी कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिए राजी होती है तो सरकार इसके लिए राज्यसभा और लोकसभा चैनल की तरह अलग से एक चैनल शुरू करेगी. मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि शीर्ष अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग से पारदर्शिता आएगी और न्याय की पहुंच बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इससे पक्षकार यह जान सकेंगे कि उनके मामले की सुनवाई में क्या हुआ. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और कानून की पढ़ाई कर रहे स्वप्निल त्रिपाठी ने इस संबंध में जनहित याचिका दायर की थी. उनका कहना है कि जो केस राष्ट्रीय महत्व और संवैधानिक महत्व के हैं, उनकी पहचान कर उन मामलों की रिकॉर्डिंग की जाए और सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए.