नई दिल्ली(तेज़ समाचार डेस्क):भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो इस साल अपने वर्कफोर्स में 10 प्रतिशत की कटौती करने जा रही है. कर्मचारियों की छंटनी के इस प्रोजेक्ट को B10 कोड-नेम दिया गया है. मैनेजरों ने बताया कि कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट ने अप्रैल में हुए अप्रेजल प्रोसेस के दौरान उन्हें बॉटम 10 परसेंट कर्मचारियों को आइडेंटीफाई करने के लिए कहा था.विप्रो में फिलहाल 1.8 लाख लोग कार्यरत हैं.पिछले साल कंपनी ने त्रैमासिक अप्रेजल सिस्टम इंट्रोड्यूस किया है.
बुलाकर मांगा गया इस्तीफ़ा
उन्होंने बताया कि कंपनी ऐसे कर्मचारियों पर फोकस कर रही है जो मिडिल मैनेजमेंट लेवल के हैं और जिनकी सैलरी 10 लाख रुपये सालाना से अधिक है. कुछ मामलों में मैनेजरों को ऐसे कर्मचारियों के नामों की लिस्ट दी गई है जिनसे उन्हें रिजाइन लेना है. कुछ मैनेजरों ने दावा किया कि उन्होंने इसका विरोध करने की कोशिश की पर उन्हें पीछे हटना पड़ा. सिर्फ भारत में काम कर रहे कर्मचारी ही नहीं, कई इंजीनियर जो ऑनसाइट पर भेजे गए थे उन्हें भी वापस बुलाकर उनसे इस्तीफा मांगा गया है.
दो महीने की सैलरी का ऑफर इस्तीफे पर
कॉग्निजैंट की तरह विप्रो भी अपने कर्मचारियों को औपचारिक रूप से नहीं निकाल रहा और न ही नॉन परफॉर्मेंस का हवाला देकर उन्हें नोटिस पीरियड पर रख रहा है. मैनेजरों ने बताया कि कंपनी कर्मचारियों से स्वेच्छा से इस्तीफा मांग रही है और बदले में दो महीने की सैलरी ऑफर कर रही है. कुछ कर्मचारियों ने इस्तीफा देने से इनकार किया है, उनका कहना है कि यदि कंपनी चाहती है कि वे नौकरी छोड़ें तो उन्हें सेवेरेंस पैकेज भी देना होगा.