अमलनेर (तेज समाचार प्रतिनिधि). जलगांव जिले के अमलनेर यह तहसील प्रशासन की दृष्टी से अहम तहसील माना जाता है। एरंडोल, पारोला, धरणगांव एवं चोपडा इन तहसीलों को शासकीय काम के लिए जलगांव में आवाजाही करते समय नागरिक एवं लोकप्रतिनिधिओं को परेशानी होती है। पाच तहसील का विकास एवं नागरिकों का प्रश्र समय पर ही निपटाने के लिए अमलनेर तहसील को स्वतंत्र जिले का दर्जा मिलने की मांग अमलनेर विधानसभा मतदाता क्षेत्र के विधायक शिरीष चौधरी ने की है। गुरूवार को इस संदर्भ में राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। जलगांव जिले के अमलनेर यह सबसे बड़ा तहसील माना जाता है। स्वतंत्र पूर्व काल से अमलनेर तहसील धुलिया एवं जलगांव जिले का केंद्र बिंदू है। तहसील से सुरत-भुसावल रेलवे मार्ग जाता है। विद्यमान में इस मार्ग का दुहेरीकरण का काम शुरू है। तहसील समिप से महामार्ग जाता है। ऐसे होने के बाद भी केवल मुख्य शासकीय कार्यालय न होने से तहसील विकास रूका है। अमलनेर सहित एरंडोल, धरणगांव, पारोला एवं चोपडा इन तहसीलों की भी यही अवस्था है। जिसके कारण अमलनेर तहसील को स्वतंत्र जिले का दर्जा मिलने की मांग विधायक शिरीष चौधरी ने राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील को ज्ञापन सौंपकर की।
– आवश्यक जगह उपलब्ध
अमलनेर को स्वतंत्र जिले के का दर्जा प्राप्त होने पर शासकीय कार्यालय व अन्य सुविधाओं के लिए आवश्यक इतनी जगह अमलनेर तहसील में उपलब्ध है। अमलनेर यह सभी सुविधाओं की दृष्टी से योग्य होकर तहसील को जिले का दर्जा प्राप्त होने पर चोपडा, धरणगांव, पारोला एवं एरंडोल के नागरिक एवं शासकीय कामों का निपटान होने के लिए मदद होगी।
– प्रस्ताव प्रस्तुत करने का आदेश
विधायक शिरीष चौधरी ने गुरूवार को ज्ञापन राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील को सौंपा। अमलनेर स्वतंत्र जिला होने पर उससे होने वाले लाभ पर उन्होंने विस्तारित चर्चा की। मंत्री पाटील ने ज्ञापन तत्काल राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजकर प्रस्ताव प्रस्तुत करने की सुचना दी।