धुलिया. पेसा कानून आदिवासी शिक्षकों की नियुक्तियां अधर में लटकी जिला परिषद शिक्षा विभाग पेसा कानून की उड़ा रहा धज्जियां अंतर जि़ला ताबादला प्रक्रिया अंतिम चरण में है. लेकिन आदिवासी समुदाय के अधयापक इंसाफ़ के लिए महीनों से शासन के दरवाजे खटखाटा रहे है. प्रथामिक शिक्षा अधिकारी की अनदेखी के कारण अनुसूचित जनजातियों के अध्यापकों का किया जा रहा है शोषण इस प्रकार का आरोप शिक्षक देवराम पावरा ने किया है. पेसा क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों के पात्र उम्मीदवार को ही सेवा करने के आदेश की धज्जियां प्राथिमक शिक्षा विभाग उड़ा रहा है जिसके कारण जिले के अनेक आदिवासी समुदाय के शिक्षकों को अंतर जि़ला कोसो दूर नोकरी करनी पड़ रही है.
वही दूसरी ओर धुलिया जि़ले में पेसा अंतगर्त शिरपुर तथा साक्री तहसील क्षेत्र में प्रथामिक अध्यापकों की जगह रिक्तियां होने के बावजूद जिला परिषद शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण अनेक आदिवासियों टीचर्स को घर से कोसो किलोमीटर दूर परिवार को छोड़कर नोकरी करने को विवश हैं. महाराष्ट्र के 12 जिले में आदिवासी निवासी क्षेत्र के लिये 5 मार्च 2015 से पेसा कानून लागू हुआ. जिसका उद्देश अनुसूचित जनजातियों क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के उनका हक दिलाने के साथ-साथ वहाँ के सरकारी कर्मचारी स्थानिय होने की पेसा कानून की प्रमुखता है. लेकिन धुलिया जिले का प्राथमिक शिक्षा विभाग के अधाधुंद कारोबार ने पेसा की अनदेखि करके, संविधान को ही छेद देने कि वास्तवता सामने आ रही है. देशभर में रहनेवाले आदिवासियों का जीवन स्तर उँचा उठाने के साथ ही उनकी संस्कृती, बोलिभाषा, रितीरीवाज, परंपराओं का जतन करने हेतू अनुसूचित जातियों के क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षक, पटवारी, मंत्री, नर्स, कोतवाल, वनरक्षक आदि ६ बारह संवर्ग के कर्मचारी आदिवासी होना अनिवार्य है. अगर नही है तो, जिला प्रशासन को इसकी तुरंत पुर्तता करना जरूरी है. लेकिन जिले में आजतक पेसा का प्रभावी ढंग से अंमल न होने के चलते जिले के आदिवासी लाभों से वंचित हो रहे हैं. पुर्णत पेसा का गलत अंमल करके पुरे जिले में आदिवासियों की हक की जगहों पर गैर आदिवासियों का पेसा लाभ मिल रहा है. जिसमें जिले का प्राथमिक शिक्षा विभाग शिर्ष पर है.
धुलिया जिले के अनुसूचित क्षेत्र में बडी संख्या में शिक्षकों कि पदे रिक्त है, जो स्थानिय जनजाती मे से भरनी जरूरी है. लेकिन प्राथमिक शिक्षा अधिकारी की अनदेखी के कारण शिक्षा अधिकारी पेसा कानून की धज्जिया उडाते हुए मनमर्जी का कार्यभार चला रहे हैं. पेसा अंतर्गत आदिवासियों की नियुक्तियों न करते हुए अर्थ कारण लगा कर अन्य सभी वर्गो के उम्मीदवार भर्ती करवाया जा रहा है. पेसा मे नियुक्ति देकर आंतर जिला तबादले से आनेवाले स्थानिय जनजाती शिक्षकों पर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने अन्याय करने का आरोप पिडीत शिक्षक तथा आदिवासी संगठनों ने किया है. यदि पेसा का अंमल तुरंत प्रभाव से नहीं किया गया तथा पेसा कानून के अंतर्गत पेसा क्षेत्र में स्थानीय आदिवासी निवासियों की नियुक्तियां नही की गई तो आदिवासी समाज प्राथमिक शिक्षा विभाग के खिलाफ जन आंदलोन करने का इशारा आदिवासी समुदाय के शिक्षकों ने दिया है.