यावल. चोपडा के आदिवासी लड़कों के लिए ५०० विद्यार्थी क्षमता का तथा लड़कियों के लिए २५० छात्राओं की क्षमता के छात्रावास की मांग की पूर्तता करने के लिए विद्यार्थियों का शिष्टमंडल सहित प्रकल्प अधिकारी आर.बी. हिवाले अगले सप्ताह नाशिक के आदिवासी आयुक्त से मिलने के लिए जा रहे हैं. तथा चोपड़ा के लड़कियों के छात्रावास के अधीक्षक का तात्काल तबादला करने की मांग मान्य करने से और अपनी विविध मांगों को मंजूर करने से चोपड़ा के आश्रमशाला के विद्यार्थी ७ सितंबर को चोपडा वापस आए. चोपडा के आश्रमशाला के विद्यार्थी ६ सितंबर को चोपडा से ४५ किलोमीटर अंतर पैदल चलकर यहां का आदिवासी प्रकल्प कार्यालय गए थे. रात ९ बजे को आए विद्यार्थी मांगे पूरे होने तक अथवा आदिवासी आयुक्त या आदिवासी विकास मंत्री विकास मंत्री विष्णू सावरा ने यहां आकर लेखी आश्वासन देने तक जगह से न हिलने की भुमिका विद्यार्थियों ने ली. इससे प्रकल्प अधिकारी आर.बी. हिवाले सहित सह कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी परेशान हुए. २०१3 साल से विद्यार्थियों की समस्या कायम होने से तत्कालीन प्रकल्प अधिकारी का लेखी आश्वासन होकर भी अबतक कार्यवाही नहीं होने से आयुक्त या विकास मंत्री को यहां बुलाया जाए, ऐसी मांग विद्यार्थियों की थी. देररात तक विद्यार्थी अपनी भुमिका पर डटे हुए थे. यहां के आदिवासी प्रकल्प कार्यालय के परिसर में आए विद्यार्थियों के लिए बिठने, पिने का पानी एवं भोजन की व्यवस्था की गई थी. लेकिन रात १२.3० बजे तक विद्यार्थी भोजन लेने के लिए तयार नहीं थे. प्रकल्प अधिकारी हिवाले एवं उनके कार्यालयीन अधिकारी सहित कर्मचारी विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन समझने को तैयार नहीं थे. आखिर पुलिस निरीक्षक डी.के परदेशी ने विद्यार्थियों के प्रतिनिधी से चर्चा करके एक शिष्टमंडल तयार करके हम खुद आपकी समस्या आयुक्त के मिलने के दौरान उन्हें बताऐंगे. ऐसा कहने पर विद्यार्थी आंदोलन पिछे लेने के लिए तयार हुए. पुलिस निरीक्षक डी.के.परदेशी के नेतृत्व में सहायक निरीक्षक योगेश तांदले, उपनिरीक्षक सुनिता कोलपकर ने पुलिस बंदोबस्त तैनात किया था.