इंदौर(तेज़ समाचार प्रतिनिधि): इंदौर में एक रोबोट के ट्रैफिक व्यवस्था संभालने का ट्रायल पूरी तरह सफल रहा। डीएसपी (ट्रैफिक) प्रदीप सिंह चौहान ने बताया कि एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज ने डेढ़ साल की मेहनत के बाद इस रोबोट को तैयार किया है। हमने इसका नाम ट्रैफिक रोबोट सिस्टम रखा है। इसकी खासियत है कि इसे एक बार सेट कर देने के बाद इसकी देखरेख की जरूरत नहीं होती है। यह ट्रैफिक अपने हिसाब से मैनेज कर लेता है।
सुधर गया पूरा ट्रैफिक
इसे प्राथमिक तौर पर आरएलवीडी सिस्टम के पावर से लिंक कर शुरू किया है। एमआर-9 चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल न होने के कारण ट्रैफिक सबसे ज्यादा अस्त-व्यस्त रहता है। रविवार को तीन घंटे की मशक्कत के बाद इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर विष्णु पसारी और पुरुषोत्तम पसारी ने डीएसपी प्रदीप चौहान और एमएस सैयद के साथ मिलकर इसे इंस्टाल किया। सेंसर और नंबर सिस्टम के साथ रोबोट दोनों हाथ उठाकर और कमर घुमाकर किसी ट्रैफिक जवान की तर्ज पर अकेले ही पूरा ट्रैफिक कंट्रोल करने लगा तो लोग भी हैरत में पड़ गए। डीआईजी ने बताया रोबोट द्वारा ट्रैफिक संभालने का पहला प्रयोग साउथ अफ्रीका की एक सिटी में हो चुका है। उसके बाद देश में पहली बार इंदौर में प्रयोग हुआ है।
चौहान के मुताबिक इसमें टाइमर और लाइट सिस्टम के साथ कैमरे भी लगे हैं, जिन्हें आरएलवीडी (रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम) से अटैच किया जा सकेगा। इससे लालबत्ती में सिग्नल पार करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जा सकेगी। अभी इसका ट्रायल किया जा रहा है। इसे लगाने से चौराहे पर पुलिस बल की जरूरत नहीं होगी। हालांकि इस सिस्टम पर नियंत्रण के लिए दो इंजीनियरों को तैनात करना होगा।
पेटेंट के लिए किया आवेदन
रोबोट बनाने वाले राहुल तिवारी ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार अभी तक भारत में ऐसा कोई रोबोट नहीं बनाया गया है, इसलिए उन्होंने इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया है। सब कुछ ठीक रहा तो वह कुछ और रोबोट तैयार करके पुलिस को देंगे।