पुणे (तेज समाचार डेस्क). उत्तर प्रदेश के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर मायक्रोचिप व रिमोट द्वारा पेट्रोल की चोरी कर ग्राहकों के साथ धोकाधड़ी का मामला गत दिनों प्रकाश में आया था. इस मामले में उत्तर प्रदेश में तेजी से कार्रवाई कर गिरफ्तारियां की जा रही है. गिरफ्तारी के डर से मामले के कई आरोपी प्रदेश छोड़ कर फरार हो गए थे. इस मामले के एक आरोपी को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कृति दल ने रविवार को आकुर्डी से व एक आरोपी को ठाणे में गिरफ्तार छापा धर दबोचा. यूपी में हुए इतने बड़े घोटाले के आरोपी की आकुर्डी से गिरफ्तारी की खबर के बाद पिंपरी-चिंचवड में खलबली मच गई है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूपी पुलिस द्वारा आकुर्डी से गिरफ्तार किये गए आरोपी की पहचान अविनाश मनोहर नाईक के रूप में की गई है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने नाईक को रविवार की दोपहर तीन बजे के करीब आकुर्डी के जय गणेश वीजन से विजिल सिस्टम नाम की दुकान से गिरफ्तार किया है. इस मौके पर पुलिस ने उसके कब्जे से 177 रिमोट कंट्रोल, 189 आर. एक्स रिसीवर, 50 रिमोट सेल व एक लैपटॉप जब्त किया. अविनाश इस दुकान में इलेक्ट्रॉनिक्स विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहा था. वह नए इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बनाने में एक्सपर्ट था. विजिल सिस्टम दुकान के मालिक जितेंद्र पाटिल ने बताया कि, अविनाश नाईक पिछले कई वर्षों से दुकान में काम कर रहा था. वह सभी इलेक्ट्रॉनिक्स के काम में माहिर था और मेरी दुकान में भी वह सभी काम बड़े ही जिम्मेदारी से करता था. लेकिन वह इस तरह के गैरकानूनी कार्य में लिप्त होगा, इसका बिलकुल भी मुझे अंदाजा नहीं था.
इस घोटाले में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारी संख्या में पेट्रोल पंप इसमें लिप्त थे. इस मामले में राज्य पुलिस की विशेष कृति दल ने (एसटीएफ) 23 लोगों को इससे पहले गिरफ्तार किया है. इस घोटाले में लिप्त सभी पेट्रोल पंपों को सरकार द्वारा सील कर दिया गया है. यूपी की पुलिस को शक था कि इस पूरे खेल के मास्टर माइंड राजेंद्र नाम का इलेक्ट्रिशियन है. बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. राजेन्द्र से पूछताछ में पता चला कि इस घोटाले के बहुत सारे आरोपी अन्य राज्यों में छिपे हुए है. इस जानकारी के बाद यूपी पुलिस ने अन्य राज्यों की पुलिस और खबरियों के माध्यम से इन छिपे आरोपियों को तलाश कर पकड़ रही है.
– इस तरह से करते है पेट्रोल की चोरी
* पेट्रोल भरनेवाली मशीन में चिप फिट किया जाता है.
* चिप को रिमोट से नियंत्रित किया जाता था.
* पेट्रोल भरते समय रिमोट का उपयोग किया जाता था.
* संशय होने पर चिप मशीन से निकाल लिया जाता था.
* करीब 10 से 15 प्रतिशत पेट्रोल की होती थी चोरी.
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