पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि) पाषाण में स्थित राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल) में सोमवार की रात को अचानक भीषण आग लग गई. इस घटना में दो मंजिला ईमारत जल कर खाक हो गई. सौभ्याय से इस दुर्घटना में किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है. आग की सूचना मिलते ही अग्निशमन दल की गाड़ियां पांच मिनट के अंदर घटना स्थल पर पहुंच गई थी, लेकिन तब तक आग 10 एकड़ में फैले इस परिसर में चारों तरफ लग चुकी थी, जिसमें परिसर का 80% से ज्यादा का हिस्सा जल रहा था.
फायर ऑफिसर शिवाजी नेमाड़े द्वारा दी जानकारी के अनुसार अग्निशमन दल की 5 गाड़ियां, 2 वाटर टैंकर और 2 रेगुलर टैंकर की मदद से लगातार 1 घंटे तक लगी हुई आग बुझाते हुए उस पर काबू पाया गया. इस आग को बुझाने में 50 जवानों और 6 फायर ऑफिसर की टीम तैनात थी. नेमाड़े के मुताबिक आग इतनी बड़ी थी कि साथ लाई गाड़ियों का पानी पर्याप्त नहीं था. इसलिए संस्था की टंकियों से पानी लेकर आग बुझाने का कार्य किया गया.
एनसीएल के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर के डॉ. प्रकाश के अनुसार “आग बढ़ी होने के कारण हमारा पहला प्रयास था की नई ईमारत में मौजूद अलग- अलग तरह के गैस सिलेंडर को बाहर निकालना. डॉ. प्रकाश ने आगे बताया की दो छोटे सिलेंडर इस आग से फट गए थे और उसी प्रयोग शाला में 25 अन्य हायड्रोजन सिलेंडर मौजूद थे जिन्हें बाहर निकालना जरुरी था.वहीं अन्य कई प्रकार की गैस के सिलेंडर अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए लाए गए थे वह भी प्रयोग शाला में मौजूद थे. जिसमे से कुछ को बचा लिया गया और बाकी आग में जलकर खाक हो गए. देर रात तक आग को कूलिंग करने का कार्य शुरू था. अभी तक आग के लगने की असली वजह नहीं पता चल पाई हैं. हालांकि घटना के समय वहां कोई भी विद्यार्थी, प्राध्यापक,कर्मचारी या कोई अधिकारी मौजूद नहीं थे, क्योंकि संस्था को गुढ़ीपाडवा पर 3 दिन की छुट्टी थी. ज्ञात हो कि पाषाण में स्थित यह एनसीएल भारत की महत्वपूर्ण रासायनिक प्रयोगशाला में एक है. इसका पूरा कामकाज केंद्रशासन के द्वारा चलाया जाता है. लेकिन संस्था की लापरवाही के चलते इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई जिसमे प्रयोग शाला के कम्प्यूटर, महंगे रसायन, आवश्यक साहित्य, सहित कुल मिलाकर 9 से 10 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. इन एनसीएल के सेफ्टी चेयरमैन डॉ प्रकाश वडगांवकर के अनुसार इस घटना की जांच के लिए संस्था की ओर से एक समिति गठित की गई है. जो इस घटना की पूरी जांच करेगी.