• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

एयरफोर्स में शामिल होगा ग्लाइड बम, सफल रहा परीक्षण

Tez Samachar by Tez Samachar
November 5, 2017
in Featured, देश
0
एयरफोर्स में शामिल होगा ग्लाइड बम, सफल रहा परीक्षण

जोधपुर. देश में बने एक खास तरह के बम का शुक्रवार को सफल परीक्षण किया गया. यह बम फाइटर प्लेन से दागने पर 100 किमी दूर स्थित अपने टारगेट पर सटीक निशाना साध सकता है. इस ग्लाइड बम की मदद से हमारे फाइटर प्लेन दुश्मन की रेंज में आए बगैर ही उसके क्षेत्र में तबाही मचा सकते है. तीन कामयाब टेस्टों के बाद अब ग्लाइड बम साल के अंत तक एयरफोर्स में शामिल कर लिया जाएगा.
– 4 वर्षों से चल रहा था काम
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने 2013 में ग्लाइड बम बनाने पर काम शुरू किया. पिछले साल दिसंबर में थार के रेगिस्तान में इसका दूसरा कामयाब टेस्ट किया गया. पहला टेस्ट बेंगलुरु में किया गया था. तीसरा टेस्ट शुक्रवार को चांदीपुर रेंज में किया गया. जिसमें बम ने सत्तर किलोमीटर दूर स्थित अपने टारगेट पर सटीक निशाना लगाया.
– भारत ने बनाए दो प्रकार के बम
भारत ने दो तरह के ग्लाइड बम विकसित किए है. इनमें से पंखों वाला गरु-थमा, जो सौ किलोमीटर की दूरी तक मार करता है. वहीं बगैर पंखों वाला गरुडा 30 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगाने में कैपेबल है. ये बम एक बार में एक हजार किलो के विस्फोटक ले जा सकता है.
– ग्लाइड बम की विशेषता
इंडियन एयरफोर्स के लिए ये बम बहुत फायदेमंद साबित होंगे. इसकी मदद से फाइटर एयरक्राफ्ट दुश्मन के खतरे वाले इलाके में गए बगैर उसे तबाह कर सकेंगे. इससे फाइटर प्लेन के नुकसान पहुंचने का खतरा काफी कम हो जाएगा. ग्लाइड बम में एक्सप्लोसिव के अलावा 4 हिस्से होते है. इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक सेंसर सिस्टम, कंट्रोल सिस्टम, कंट्रोल किए जा सकने वाले पंखे और एक बैटरी होती है. जब इसे किसी फाइटर प्लेन से छोड़ा जाता है तो यह एक ग्लाइड के समान आसमान में आगे बढ़ता है. इसमें मिसाइल के समान गति देने का कोई सिस्टम नहीं होता, लेकिन तेज रफ्तार वाले फाइटर से छोड़े जाने के कारण यह उससे रफ्तार हासिल कर लेता है. इसमें लगे पंखे ग्लाइड बम को नीचे गिरने नहीं देते और यह एक समान लेवल पर आगे बढ़ता रहता है.
– कंट्रोल रूम से होता है कंट्रोल
बम के हवा में उड़ने के दौरान कंट्रोल रूम से इसे डायरेक्शन दिया जाता है. इसमें लगा सेंसर टारगेट की पहचान करता है और इसके कंट्रोल सिस्टम को जानकारी देता है. बम का कंट्रोल सिस्टम उसकी दिशा मोड़ने का काम करता है. इसमें लगे बैटरी से चलने वाले पंखों के जरिए इसकी दिशा को टारगेट की तरफ मोड़ा जाता है. टारगेट के ऊपर इसके पंखों को बंद कर दिया जाता है. टारगेट पर पहुंचते ही इसमें ब्लास्ट होता है. इससे भारी नुकसान पहुंचता है.

 

“तेज़ समाचार “ को और तेज़ बनाने के लिए पोस्ट को LIKE & SHARE जरुर करे

Tags: एयरफोर्स में शामिल होगा ग्लाइड बमसफल रहा परीक्षण
Previous Post

चिंता मत करो, हम सबका हिसाब देंगे : नरेन्द्र मोदी

Next Post

मुंबई में ISIS का संदिग्ध आतंकी अबु जाहिद गिरफ्तार

Next Post
मुंबई में ISIS का संदिग्ध आतंकी अबु जाहिद गिरफ्तार

मुंबई में ISIS का संदिग्ध आतंकी अबु जाहिद गिरफ्तार

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.