दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि). जब-जब संकट अपनी पराकाष्ठा को पार कर जाता है, तब-तब महिला शक्ति ने ही अपने रौद्र रूप से समाज की रक्षा की है. पौराणिक कथाओं से लेकर हमारे गौरवपूर्ण इतिहास में इस बात के पुख्ता प्रमाण मिलते है. मां काल, मां दुर्गा जैसी दैवी शक्तियों के अलावा इतिहास में दर्ज रानी लक्ष्मी बाई, रानी दुर्गावती जैसी महिलाओं ने जब तलवार हाथ में थामी, तो दुश्मनों की गर्दन से सिर अलग करके ही मानी. अब लगता है, इतिहास अपने आप को दोहराने के लिए व्याकुल है. इस समय जम्मू-कश्मीर पत्थरबाजों की हरकतों से न सिर्फ सेना के जवान बल्कि इन पत्थरबाजों की खबरे सुननेवाला हर देशवासी परेशान है. अब इन सुरक्षाबल के जवानों की ढाल महिला पुलिसकर्मी बनेंगी. जवानों पर पथराव की घटनाओं को रोकने के लिये सरकार महिला पुलिस बटालियन की संख्या बढ़ाएगी.
– 1000 महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती होगी
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में तैनाती के लिये 1000 महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती की जायेगी. ये महिला पुलिसकर्मी केन्द्र सरकार की नवगठित पांच भारतीय रिजर्व बटालियनों का हिस्सा होंगी.
– नक्सल प्रभावित राज्यों में पहले से है तैनात
केन्द्र सरकार की रिजर्व बटालियनों में भर्ती होने वाले पुलिसकर्मियों की तैनाती उनके अपने गृह राज्य में ही की जाती है. देश भर में कुल 144 रिजर्व बटालियनें मौजूद हैं. इनमें से चार-चार बटालियन नक्सली हिंसा प्रभावित 12 राज्यों में पहले से ही तैनात है.
– 5000 पदों पर होनी है भर्ती
पांचों बटालियन में पुलिसकर्मियों की भर्ती के लिये 5 हजार पदों पर भर्ती की जानी है. इनके लिये जम्मू कश्मीर के लगभग 1.40 लाख युवाओं ने आवेदन किया है. इनमें से 40 प्रतिशत आवेदन कश्मीर घाटी से मिले हैं. बटालियनों में भर्ती का मकसद स्थानीय युवाओं को रोजगार देना है.
– पत्थरबाजों से लोहा लेंगी महिला पुलिसकर्मी
इसमें 60 पद राज्य के सीमावर्ती इलाकों के आवेदकों के लिये आरक्षित हैं. अधिकारी ने बताया कि इनमें महिला पुलिसकर्मियों के 1000 पद भी शामिल हैं. इसके लिये अब तक लगभग 30 हजार आवेदन मिल चुके हैं. महिला पुलिसकर्मियों को मुख्य रूप से कश्मीर घाटी में पथराव और कानून व्यवस्था से जुड़ी ड्यूटी में तैनात किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गयी. बैठक का एजेंडा मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में विकास परियोजनाओं के लिये साल 2015 में घोषित 80 हजार करोड़ रपये के पैकेज पर चर्चा करना था.