भोपाल (तेज समाचार डेस्क). प्यार का बंधन एक ऐसा बंधन है, जो दुश्मनी, हर मनमुटाव को मिटा देता है. प्यार न सिर्फ जाति, धर्म और उम्र के बंधन को मिटा देता है, बल्कि राजनीतिक बंधनों को भी तोड़ देता है. मध्य प्रदेश के शहडोल में इन दिनों एक ऐसी ही सियासी शादी चर्चा में बनी हुई है. जिसमे दो प्रेमियों ने सियासी बंधनो को तोड़ते हुए शादी के बंधन में बंध गए है. इस शादी में जहां दूल्हा बीजेपी का नेता है तो वहीं, दुल्हन कांग्रेस की नेता है. एक खास बात है कि दोनों नेता अपने इलाके में मजबूत सियासी रसूख रखते हैं. जी,हम बात कर रहे है, पिछले साल नवंबर में शहडोल लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ी हिमाद्री सिंह की और 2009 में ही इसी सीट से हिमाद्री की मां स्वर्गीय राजनंदिनी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुके भाजपा नेता नरेंद्र सिंह मरावी की.
गुरुवार को इन दोनों प्रेमियों की सगाई हुई है और जल्द ही दोनों शादी के बंधन में बंधने वाले हैं. वहीं, हिमाद्री सिंह का कहना है वो अपनी पार्टी नहीं बदलेगी, उन्होंने कहा कि शादी अपनी जगह है, मगर राजनीतिक प्रतिबद्धता अपनी जगह है. वे अपनी-अपनी पार्टी में बने रहेंगे. कांग्रेस से शहडोल संसदीय क्षेत्र का चुनाव लड़ चुकी पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. दलबीर सिंह और पूर्व कांग्रेस सांसद स्व. राजेश नंदनी की पुत्री हिमाद्री सिंह और भाजपा के युवा नेता अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र मरावी ने गुरूवार शाम हिमाद्री सिंह के निवास पर आयोजित कार्यक्रम में सगाई के बंधन में बंध गए.
इस समय नरेंद्र मरावी एमपी अजजा आयोग के अध्यक्ष हैं एवं उनके चाचा जयसिंह मरावी शहडोल की जैतपुर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं. शहडोल संभाग की बीजेपी की राजनीति में जयसिंह मरावी और उनके भतीजे नरेंद्र मरावी का काफी ऊंचा कद है. इस परिवार का प्रदेश भाजपा की राजनीति में भी खासा दखल रखते हैं. वहीं, दूसरी तरफ शहडोल संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर परिवार की हिमाद्री सिंह की राजनीतिक विरासत भी कही से कमजोर नहीं है.
हिमाद्री के पिता स्व. दलवीर सिंह राजीव गांधी सरकार में मंत्री थे. अपने माता पिता की राजनीतिक विरासत की इकलौती वारिस हिमाद्री सिंह है. पिछले साल नवम्बर में शहडोल संसदीय सीट में हुए उपचुनाव में युवा और आकर्षक हिमाद्री सिंह ने बीजेपी के लिए तगड़ी चुनौती थी. तमाम हथकंडे अपनाने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी ज्ञानसिंह महज 50 हजार वोटों से हिमाद्री से चुनाव गए पाए थे.