वॉशिंगटन (तेज समाचर डेस्क). शनिवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए बम विस्फोट में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने और सैकड़ों घायल होने के बाद अमेरिका ने सख्त कार्रवाई की वॉर्निंग दी है. जिस तरह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को एकजुट होने की अपील करते है, उसी सुर में सुर मिलाते हुए अमेरिका ने इस बार दुनिया के उन देशों से भी मदद मांगी है, जो दुनिया में आतंकवाद के जख्मों से आहत है और विश्व में शांति चाहते हैं. अमेरिका ने कहा कि तालिबान ने काबुल में हमला कर 100 बेकसूर लोगों की जान ले ली. हम दुनिया से अपील करते हैं कि वे हमारा साथ दे. तालिबान की जहां भी पनाहगाह मौजूद हैं. उन्हें अमेरिका खत्म करेगा. एक प्रकार से अमेरिका की पाकिस्तान को यह खुली चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के नेता पाक में ही मौजूद हैं. अमेरिका-पाकिस्तान के बीच तनाव की भी यही वजह है.
– आतंकवाद के खिलाफ सख्त हुआ अमेरिका
काबुल में ब्लास्ट के बाद अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट रैक्स टिलरसन खुद मीडिया के सामने आए. आमतौर पर इस तरह के बयान व्हाइट हाउस या पेंटागन की तरफ से ही जारी किए जाते रहे हैं. टिलरसन ने कहा कि जितने भी देश अफगानिस्तान और बाकी दुनिया में अमन चाहते हैं, उन्हें अब साथ आना होगा. हम ये अपील भी करते हैं. अब ये जरूरी हो गया है कि तालिबान जैसी आतंकी संगठन के खिलाफ आखिरी जंग शुरू हो. टिलरसन ने आगे कहा- इन आतंकियों की जहां भी पनाहगाहें मौजूद हैं, उन्हें खत्म किया जाएगा.
– पाकिस्तान की अमेरिका को ब्लैकमेल करने की साजिश
टिलरसन का बयान साफतौर पर पाकिस्तान के लिए वॉर्निंग है. अमेरिका और अफगानिस्तान आरोप लगाते रहे हैं कि तालिबान के तमाम बड़े नेता पाकिस्तान में मौजूद हैं. यहां उनकी पनाहगाहें हैं. लेकिन, पाकिस्तान आर्मी इन नेताओं को बचाती आई है. ये अमेरिका को ब्लैकमेल करने की साजिश है. अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान में ड्रोन हमले किए हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका अब पाकिस्तान में इस तरह के हमले ज्यादा करेगा.
– शनिवार को हुआ था ब्लास्ट
शनिवार की दोपहर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकी हमला हुआ था. कार में हुए ब्लास्ट में 100 लोगों की मौत हो गई और 163 जख्मी हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली. इससे पहले 20 जनवरी को यहां एक होटल में तालिबान आतंकियों ने हमला किया था. उस वक्त 22 लोग मारे गए थे. हमलावर विस्फोटकों से भरी एक एंबुलेंस में बैठकर आए और पुलिस चेक पॉइन्ट को पार करते हुए एक गली में घुस गए. ब्लास्ट के वक्त उस जगह पर कई लोग मौजूद थे. अधिकारियों के मुताबिक, हमला राजधानी काबुल में होम मिनिस्ट्री की बिल्डिंग के पास यूरोपियन यूनियन और हाई पीस काउंसिल बिल्डिंग के पास हुआ.
– तालिबान ने ली जिम्मेदारी
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन तालिबान ने ली है. इससे पहले 20 जनवरी को यहां एक होटल में तालिबान आतंकियों ने हमला किया था. उस वक्त 22 लोग मारे गए थे. घटना के चश्मदीद अफगानिस्तानी सांसद मीरवाइज यसिनी ने बताया कि एम्बुलेंस पुलिस चेकपॉइंट के आगे भीड़ वाले इलाके में जाकर ब्लास्ट हो गई, जिसके बाद सड़कों पर हर तरफ लाशें बिखरी थीं. न्यूज एजेंसी को दिए बयान में हेल्थ मिनिस्ट्री के डिप्टी स्पोक्सपर्सन नुसरत रहीमी ने कहा, “सुसाइड बॉम्बर ने चेकपॉइंट पार करने के लिए एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया. पहला चेकपॉइंट पार करने के लिए उसने एम्बुलेंस से पेशेंट ले जाने की बात कही, लेकिन दूसरे चेकपॉइन्ट पर पहचाने जाने के बाद उसने कार ब्लास्ट कर ली.” हाई पीस काउंसिल के मेंबर हसीन साफी के मुताबिक, आतंकी ने उनके चेकपॉइन्ट को निशाना बनाया. धमाका इतना तेज था कि बिल्डिंग की सारी खिड़कियां टूट गईं.
– भारत ने भी जताया शोक
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में काबुल हमले पर दुख जताया गया. MEA ने ट्वीट में लिखा, “भारत काबुल में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों की निंदा करता है. 24 जनवरी को भी एक कायराना हमले में बच्चों और आम नागरिकों को निशाना बनाया गया था. इसके लिए कोई तर्क नहीं दिया जा सकता. दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय तक लाना चाहिए.”