दिल्ली. बुधवार को सरकार की एक सहयोगी पार्टी के नेता ने लोकसभा में मध्य प्रदेश के मंदसौर में पिछले दिनों किसानों पर हुई गोलीबारी का मुद्दा उठाते हुए पूछा कि क्या देश के किसान आतंकवादी है?
स्वाभिमान पक्ष के सदस्य राजू शेट्टी ने सरकार से जानना चाहा कि, ‘क्या किसान आतंकवादी है जो हम सदन में उनकी बात नहीं उठा सकते.’ लोकसभा में शून्यकाल के दौरान राजग सरकार को समर्थन देने वाली पार्टी स्वाभिमान पक्ष के सदस्य राजू शेट्टी ने कहा कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में अपनी मांगों को उठाने वाले किसानों पर गोलीबारी की गयी और एक किसान की थाने में पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी.
मध्यप्रदेश के कुछ भाजपा सदस्यों ने जब उनकी इस बात का विरोध किया तो राजू शेट्टी ने कहा, ‘आप मुझे मत सिखाओ. मैं किसानों के मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रहा हूं.’ महाराष्ट्र में किसानों से जुड़े स्वाभिमानी शेतकारी संगठन को चलाने वाले शेट्टी ने कहा कि वह पिछले 25 सालों से किसानों से जुड़े हैं लेकिन मंदसौर में किसानों पर जो बर्बरता की गयी, वैसा उन्होंने कभी नहीं देखा.
भाजपा सदस्यों की टीका-टिप्पणी पर शेट्टी ने कहा, ‘मुझे किसानों के बारे में बोलने का अधिकार है.’ उन्होंने साथ ही कहा कि सत्ता की जिस कुर्सी पर भाजपा बैठी है, उसका श्रेय उनकी पार्टी को भी जाता है क्योंकि उसने भी भाजपा को सत्ता में लाने के लिए वोट मांगे थे.
उन्होंने कहा कि किसानों पर अत्याचार हो रहा है और उन्हें इस विषय पर बोलने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने सत्ता पक्ष से सवाल किया, ‘क्या किसान आतंकवादी हैं.’ जब अध्यक्ष ने उनसे अपनी बात समाप्त करने को कहा तो शेट्टी बोले कि यदि उन्हें इस विषय पर अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी जा रही है तो वह इसकी निंदा करते हैं.
शेट्टी ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा के चुनाव प्रचार में नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यदि कांग्रेस को हराकर भाजपा को सत्ता में लाओगे तो किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिया जाएगा. कुछ देर बाद शेट्टी सदन से बाहर चले गए.