जलगांव(तेजसमाचार प्रतिनिधि):जलगाव रनर्स गु्रप के द्वारा आयोजित ‘टाटा एआयजी खान्देश रन’ रविवार के दिन बडे उत्साह में संपन्न हुई। शहर के सागर पार्क में सुबह ६ बजे खान्देश रन का उद्घाटन किया गया। शहर सहित दुसरी जगह से करीब दोन से ढाई हजार खिलाडी सहित युवा, युवक, ज्येष्ठ नागरिक, महिलों ने सहभाग दर्ज किया। जलगांव शहर के रास्तो पर रनर्स दौडने से रास्ते पर भीड दिखाई दी। तीन ग्रुप में हुए इस स्पर्धा के १० किलोमिटर अंतर गुट से विशाल कुंभार और महिला में प्राजक्ता गोडबोले ने खान्देश रन पर कब्जा किया। रजिस्ट्रेशन किए खिलाडीयों को शनिवार को खान्देश सेन्ट्रल मॉल में रनर्स किट का वितरण किया गया था। खान्देश रन में तीन विभाग में (गृप) किए गए थे। इसमें 10 किलो मिटर की दौड सुबह ६ बजे शुरूवात की गई। 5 किलोमिटर की दौड सुबह 7.15 शुरूवात की गई। तथा 3 किलो मिटर की दौड सुबह ८ बजे शुरूवात की गई। आंतरराष्ट्रीय बोस्टन मॅरेथॉन पूरी करनेवाले खिलाडी, खान्देश कन्या क्रांती सालवी की मौजुदगी में यहं खान्देश रन को शुरूवात हूई।
इनकी थी मौजुदगी
महापौर ललित कोल्हे, जिलाधिकारी किशोर राजे निंबालकर व पुलिस अधीक्षक दत्तात्रय कराले, जैन इरिगेशन के अध्यक्ष अशोक जैन इनकी मौजुदगी में फ्लॅग दिखाकर शुरूवात की गई। रन खत्म होने के बाद खिलाडीयों के लिए सेल्फी झोन की व्यवस्था भी की गई थी। 10 की.मी., 5 की.मी, व 3 की.मी. फिनिशर्स के स्ट्रेचिंग, मेडल्स, अल्पोपहार व प्रमाणपत्र दिया गया।
विजेते खिलाडी इसप्रकार
10 किलोमीटर अंतर (पुरूष)
पुरूषों के 18-35 वयोगुट से विशाल कुंभार प्रथम, जयेश चौधरी द्वितीय, गणेश मोकाशे तृतीय। पुरूष 36-50 वयोगुट से सारंग विंचूरकर प्रथम, रविंद्र बालपांडे द्वितीय, अनिल पठावडे तृतीय और पुरूष 50 से आगेवाले वयोगुट से नागोरावा भोयर प्रथम, माधव आंबेकर द्वितीय तथा तृतीय संजय आंबेकर इन्होंने हासिल किया हैं।
10 किलोमीटर अंतर (महिला)
महिला में 18-30 वयोगुट में से प्राजक्ता गोडबोले प्रथम, आश्विनी कटोले द्वितीय, कांचन राठोड तृतीय। महिला 31-45 वयोगुट से श्रद्धा भोयर प्रथम, कविता पाटील द्वितीय तथा तृतीय अदिती महाजन और 46 से आगे के वयोगुट में से क्रांती सालवी प्रथम, सुनिता आंबेकर द्वितीय तथा तृतीय विद्या बंडाले आए हैं।
5 किलोमीटर अंतर (पुरूष)
पुरूषों के 18-35 वयोगुट से प्रथम प्रथमेश व्यवहारे, द्वितीय राहुल पाटील तथा तृतीय बारेला विरेंद्र। पुरूषों के 36-50 वयोगुट से ले.कर्नल मुरारीलाल प्रथम, द्वितीय सेप अटकले तथा तृतीय दिलीप पाटील आए हैं।
5 किलोमीटर अंतर (महिला)
महिलों के 18-30 वयोगुट से सुमित्रा वलवी प्रथम, द्वितीय नुतन शेवले और तृतीय प्रतिभत्त मुले तथा 31-45 वयोगुट से विभा कोटेचा प्रथम, द्वितीय भावना पाटील तथा तृतीय रिया चोपडे विजेते हुए हैं।
3 किलोमिटर अंतर
तीन किलोमिटर के आम गुट के पुरूषों में सक्षम भुटाले प्रथम, ईश्वर पाटील द्वितीय तथा तृतीय दिक्षीत शिरसोडे यहं विजेता हुए हैं। तथा महिलों में लता ढोले प्रथम, द्वितीय आशा पाटील तथा तृतीय नेहा सालुंखे इन्होंने जीत हासिल की हैं।
शामिल खिलाडीयों के लिए विविध सुविधा स्पर्धा में शामिल खिलाडीयों के लिए पिने का पानी की व्यवस्था, एनर्जी ड्रिंक, मेडिकी सुविधां सहित चिअर अप करने के लिए खिलाडी, विविध शालेय बँड दस्ता, पुलिस बँड, एन.सी.सी.बँड, खिरोदा के पारंपरिक आदिवासी नृत्य ढोलताश्या सहित नागरीकों की बडी संख्या में जगह-जगह मौजुदगी थी। बिब, इलेक्ट्रॉनिक टायमिंग चिप, ड्राय फिट उत्तम प्रती के टी-शर्ट, गुडी बॅग, एर्नरझाल आदि बाते खान्देश रन में शामिल हर खिलाडी को दी गई थी। रविवार होने से रन में आधुनिक तंत्रज्ञान का उपयोग किया गया। Óखान्देश रनÓ यहं अनोखी और शामिल नागरिक, खिलाडियो के लिए अनेक सुविधा उपलब्ध किए गए थे। लंडन मॅरेथॉन, बर्लिन मॅरेथॉन, न्यूयॉर्क सिटी मॅरेथॉन, शिकागो मॅरेथॉन, पॅरिस मॅरेथॉन इन विश्वभर के लोकप्रिय मॅरेथान के पाश्र्वभुमिपर रविवार को जलगांव रनर्स गु्रप के द्वारा आयोजित यह रन Óन भूतो, न भविष्य मेंÓ ऐसी होने का विश्वास शामिल खिलाडीयों ने व्यक्त किया।
चौकट १० किलोमीटर में प्रथम स्थान हासिल करनेवाला विशाल कुंभार यह डांभूर्णी तहसिल यावल यहं सार्वजनिक विद्यालय चिंचोली का ११ वी कला शाखा का विद्यार्थी हैं। उसने अबतक छोटी-बडी स्पर्धा में हिस्सा लिया हैं। लेकिन मॅरेथॉन स्पर्धा में प्रथम शामिल होकर उसने प्रथम स्थान हासिल किया हैं। उसके साथ ही कृत्रिम पैर होकर भी मॅरेथॉन स्पर्धा में शामिल हुए सुशिल शिंपी को विशेष पुरस्कार दिया गया। तथा नागपूर से नागोराव भोयर व श्रध्दा भोयर इस दंपती ने पुरूष व महिला गुट से प्रथम स्थान हासिल किया हैं। इसके साथ जालना के माधव आंबेकर व संजय आंबेकर इन दोनो भाईयों ने अनुक्रमे व्दितीय व तृतीय स्थान हासिल किया हैं।
चौकट विशेष पुरस्कार दिए गए सुशिल शिंपी का २०११ में रेल दूर्घटना हुई थी। उसमें उनके दोनो पैर गवाने पडे थे। उसके बाद सात माह वहं बिछाने पर ही थे। बाद में उन्हे कृत्रिम पैरो के बारे में जानकारी मिली। बहुत प्रयास के बाद उसे पैर मिले। लेकिन इन पैरो का उपयोग केवल चलने के लिए होगा, ऐसी कडक सुचना भी दी गई थी। लेकिन धीरे-धीरे फिसे चलना सिखने के बाद उस सुचना का ध्यान रखते हुए सुशिल बाद में मोपेड स्कूटर चलाने लगे। उन्होने बाईक चलानी सिख ली। कृत्रिम पैरो की सहायता से १८,३८० फीट उंचाइ के मनाली से खारदुंगला पास यह विश्व के सबसे उचे रास्ता साईकलींग करके पार की हैं। उसके साथ उसने ५२५ किमी साईकलींग का विक्रम किया हैं। ३० जूलाई से ९ अगस्त इस दौरान उसने मनाली से खारदुंगला पास यहं अंतर साईकलींग से पूरी की हैं।
“तेज़ समाचार “ को और तेज़ बनाने के लिए पोस्ट को LIKE & SHARE जरुर करे

