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गर्मियों में गोशाला को ठंडा रखता है स्वचलित फॉगर्स

Tez Samachar by Tez Samachar
May 10, 2017
in प्रदेश
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  • गोविन्द मिल्क के एमडी राजीव मित्रा ने किया उद्घाटन

पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि). गर्मियों के दिनों में जिस तरह मनुष्य को ठंडा वातावरण चाहिए, उसी तरह हमारे पशुओं को भी ठंडे वातावरण की आवश्यकता होती है. इससे हमारे पशुओं का मानसिक व शारीरिक शांति का अनुभव होता है और गर्मियों में भी उनके दूध का अनुपात नियंत्रित रहता है. इसके लिए सभी पशुपालकों को अपने गोठे में स्वचलिक फॉगर्स लगाना चाहिए. यह स्वचलित फॉगर्स गोशाला के तापमान को नियंत्रित रखता है. यह प्रतिपादन गोविन्द मिल्क के एमडी राजीव मित्रा ने यहां किया.

हाल ही में फलटण में स्थित गोविंद मिल्क डेरी की ओर से विकसित किये गये ‘स्वचलित तापमान नियंत्रित करनेवाले यूनिट’ का उद्घाटन राजीव मित्रा के हाथों किया गया. इस समय वे उपस्थितों को संबोधिक कर रहे थे. इस अवसर पर गोविंद डेरी के सीओओ धरमेंदर भल्ला, सहा. महाव्यवस्थापक व्होरा, राऊत, जनरल मैनेजर जगताप सहित अनेक पदाधिकारी, कर्मचारी व किसान आदि उपस्थित थे.

मित्रा ने आगे कहा कि गोविंद डेरी ने हमेशा किसानों को दुग्ध व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित किया है और उन्हें अधिक से अधिक लाभ हो, इसके लिए प्रयास भी किए है. इसके तहत मुक्त संचार गोशाला, हायड्रोपोनिक चारा, मुरघास तकनीक, अझोया आदि कम खर्च वाली योजनाएं शुरू की है. गोशाला में योग्य वातावरण रहेगा तो दूध देनेवाली गाय, भैसों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा. दूध देने में नियमितता रहती है. वर्तमान स्थिति में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक है. इस चिलचिलाती धूप और गर्मी का परिणाम गाय, भैस के स्वास्थ्य पर होता है और फिर उनके दूध देने पर होता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए गोविंद मिल्क ने गोशाला का तापमान नियंत्रण में रखने के लिये ‘स्वचलित फॉर्गस यंत्र’ तैयार किया है. ताकि गोशाला में तापमान बढ़ने पर यह यंत्र गोशाला का तापमान नियंत्रित रखेगा. पिछले 2 सालों से इस यंत्र पर काम चल रहा था.

– कम चारा खाने से दूध पर विपरित परिणाम
मित्रा ने कहा कि, फरवरी से मई महिने में तापमान 35 से 40 डिग्री तक तथा उससे भी ज्यादा बढ़ जाता है. इस वजह से गाय-भैसें कम चारा खाती है तथा पानी भी कम पीती है. इसका परिणाम उनके दूध पर होता है और दूध का उत्पादन घट जाता है. अगर गोशाला का तापमान 30 से 35 डिग्री रहा तो होल्स्टिन फ्रिजीयन जैसी संकरीत गाय 15 से 20 प्रतिशत और तापमान अगर 35 से 40 डिग्री सेल्सिअस रहा तो 20 से 40 प्रतिशत तक दुग्ध उत्पादन कम हो जाता है. इस वजह से पुशपालकों का आर्थिक नुकसान होता है.

– क्या है स्वचलित फॉगर्स

यह एक ऐसा यंत्र है, जिसे गाय-भैसों की गोशाला में छत पर लगाया जाता है. इसमें गोशाला में पशुओं की संख्या के अनुपात में फॉगिंग पैनल लगाए जाते है. इन पैनल्स से पानी को धूए के रूप में प्रसारित किया जाता है. इन फॉगर्स को चालू और बंद करने के लिए एक आदमी सदैव सक्रिय रहता है. लेकिन कई बार अधिक देर तक फॉगर्स चालू रखने से गोशाला में पानी जमा हो जाता है और वातावरण दमघोटू हो जाता है. इससे पशुओं के स्वास्थ्य पर परिणाम होता है. इसलिए गोविन्द मिल्क ने इस यंत्र में एक सेंसर लगा दिया है. इस सेंसर के कारण गोशाला का तापमान 30 डिग्री या उससे अधिक होने पर ये फॉगर्स अपने आप ही चालू हो जाते है और तापमान सामान्य होने पर अपने आप ही बंद भी हो जाते है. स्वचलिक फॉगर्स को चालू बंद करने के लिए अलग आदमी रखने की जरूरत नहीं होती. इसके अलावा पानी, बिजली और समय की भी बचत होती है.

जिन किसानों ने अपनी गोशाला में पहले से ही फॉगर्स लगा रखे है उन्हें इनमें सेंसर लगाने में मात्र 1200 रुपए का खर्च आता है. यह यंत्र बिजली न रहने की स्थिति में बैटरी या सोलर पैनल से भी चलाया जा सकता है.
सेंसर सहित फॉगर्स लगाने के लिए करीब 5500 रुपए का खर्च आता है.

Tags: automatic fogging machineस्वचलित फॉगिंग मशीन
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