जलगांव. जिला परिषद के सानेगुरूजी सभागृह में दोपहर १ बजे स्थायी समिती सभा ली गई. इस दौरान ७ अक्टुबर २०१७ इस शासकीय नियम अनुसार सभी कार्य मंजुरी के लिये स्थायी में है. विगत 3५४ के ५ करोड़ तथा ५५४ के १५ करोड़ ऐसे कुल २० करोड़ के कार्य प्रशासन ने मंजुरी के लिये जि.प. अध्यक्ष तथा पदाधिकारी के समक्ष रखा. किन्तू इसमें से किसी को भी इस २० करोड़ के बारे में जानकारी ना होने की आश्चर्यजनक बात सभा में प्रकाश में आई. पदाधिकारियों को अंधेरे में रखकर प्रशासन ने २० करोड़ रुपये की फाईल मंजुरी के लिये सीईओ की ओर भेजी जानी थी. किन्तू स्थाई में ही यह प्रकार सामने आने से यह विषय स्थगित किया गया. ऐसी जानकारी इस दौरन दी गई. इस अवसर पर अतिरिक्त सीईओ संजय म्हसकर, जिला परिषद अध्यक्ष उज्वला पाटील, उप अध्यक्ष नंदकुमार महाजन, सदस्य नाना महाजन, शशिकांत पाटील, प्रताप पाटील आदि सदस्य मौजुद थे. इस मंजुरी के लिये बांधकाम एवं आर्थ विभाग से हस्ताक्षर कर आगे भेजा गया था. जिसके कारण जिला परिषद प्रशासन का बेढंगा कामकाज सामने आया है. यानी गुप्त तरीके से प्रशासन का कार्य जिला परिषद में शुरू है इसके बावजुद वरिष्ठ अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार से ध्यान ना दिये जाने के कारण वरिष्ठ अधिकारियों का अन्य अधिकारियों पर दबदबा ना होने की बात स्पष्ट हुई है. इसी लिये यह विषय प्रलंबित कर पीसीआई से मरम्मत कर पुन: सभा में लेने की बात भी सदस्य ने इस दौरान कही.
सभा के दौरान उपाध्यक्ष नंदकिशोर महाजन ने पीआरसी के लिये जिले के शिक्षकों की ओर से १५- १५ हजार रुपये इकठ्ठा करने का आरोप इस दौरान किया. पदाधिकारी ही शिक्षा के बारे में ऐसा गंभीर आरोप कर रहे है. इस लिये शिक्षा विभाग की जांच करने की मांग इस दौरान सदस्यों ने की.
– एरंडोल सभापति की गाडी जि.प. अध्यक्ष के पास
जिला प्रशासन में बार-बार तहसील के पदाधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास गाड़ी ना होने की शिकायते प्राप्त होती है. किन्तू आश्चर्यजनक जानकारी मिली की एरंडोल पंचायत समिती सभापती की गाड़ी जिला परिषद अध्यक्ष पाटील के पास है. कुछ दिनों पहले सदस्य नाना महाजन ने शिकायत की थी यह गाड़ी विगत २०१४ से गायब हुई थी. लगभग तीन सालों बाद यह गाड़ी अध्यक्ष के पास मिली. इसी लिये इतने दिन यह गाड़ी किसके पास थी, ऐसा गंभीर सवाल उपस्थित हो रहा है.

