पुणे. केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना में अग्रणी रही पुणे मनपा का नाम पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहा. इसका श्रेय महापालिका आयुक्त कुणाल कुमार को दिया गया. पर बाद में उसी स्मार्ट सिटी के लपेटे में आयुक्त आ गए. क्योंकि इस मामले में उनकी छवि खराब हो गई थी. जिससे मुख्यमंत्री भी नाखुश थे. ऐसे में आयुक्त के तबादले की खबरें तेज हो गई हैं. सूत्रों की मानें तो पुणे मनपा में उनका तीन साल पूरा हो चुका है. इसलिए सरकार द्वारा उनका तबादला इसी हफ्ते में किया जाएगा. ऐसी जानकारी सूत्रों से मिल रही है.
– स्मार्ट सिटी व पाइपलाइन के टेंडर को लेकर लपेटे में आए
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना में पुणे मनपा की काफी तारीफ हुई थी. मनपा आयुक्त ने बढ़चढ़ कर इसमें हिस्सा लिया था. जिससे पुणे मनपा पूरे देश में छा गया था. उन्होंने शहर के विकास प्रारूप को लेकर भी काफी अच्छा काम किया था. नतीजा आयुक्त कुणाल कुमार की तारीफ भी पूरे देश में हुई. लेकिन कागजों पर बेहतर दिखनेवाली योजना को ग्राऊंड पर सही तरीके से नहीं उतारा जा सका. इसके चलते आयुक्त की छवि धूमिल हो गई. केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक उनके काम से नाखुश दिखी. उसी तरह से समान जलापूर्ति के पाइपलाइन के टेंडर ज्यादा दरों से आने का मामला भी खूब गरमाया. उसमें भी उनकी प्रतिमा मलीन हो गयी है. बाद में आयुक्त मनपा पदाधिकारियों को भी नजरअंदाज करने लगे. सत्ताधारी भाजपा ही नहीं बल्कि उससे पहले सत्ता में रही कांग्रेस-एनसीपी के पदाधिकारियों के साथ भी आयुक्त ने ऐसा ही बर्ताव किया था. इस वजह से सभी पदाधिकारियों में उनको लेकर नकारात्मक चर्चा की जाती रही. हाल ही में केबल डक्ट व पाइप लाइन के ज्यादा दर के टेंडर की वजह से उनकी मनपा के अधिकारियों के साथ भी जम नहीं रही थी. महापालिका में उनकी नियुक्ति 10 अगस्त 2014 को हुए थी. इसी महीने 10 तारीख को उनके तीन साल पूरे हो गए. कानून के प्रावधान के अनुसार कोई भी अधिकारी ऐसे पोस्ट पर तीन साल ही काम कर सकता है. इसलिए अब उनका तबादला इसी हफ्ते हो जाएगा, ऐसा मनपा सूत्रों का दावा है.