जलगांव. जिला विधी सेवा प्राधिकरण एवं वैकल्पिक विवाद निवारण केंद्र के माध्यम से आम लोगों को जदल न्याय मिलने के लिये मदद होने का प्रतिपादन मुंबई उच्च न्यायालय की प्रभारी मुख्य न्यायमूर्ती एवं प्रमुख आश्रयदाता एवं महाराष्ट्र राज्य विधी सेवा प्राधिकरण, मुंबई की कार्यकारी अध्यक्ष विजया कमलेश तहिलराणी ने व्यक्त किया। स्थानिय जिला न्यायालय परिसर में मुख्य न्यायमूर्ती श्रीमती वी.के.तहिलरामाणी के हाथों न्याय सदन सेवा इमारत एवं जिला विधी सेवा प्राधिकरण एवं वैकल्पिक विवाद निवारण केंद्र की नई इमारत का उद्घाटन किया गया। इस समय उपस्थितों को मार्गदर्शन करते हुए वह बोल रही थी। इस अवसर पर मंच पर मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ के न्यायमुर्ती एस.वी.गंगापुरवाला, मुंबई उच्च न्यायालय के औरंगाबाद खंडपीठ के न्यायमूर्ती संगीतराव एस.पाटील, प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश तथा चेअरमन, जिला विधी सेवा प्राधिकरण, जलगांव कुमारी सविता टी.बारणे, जलगांव वकिल संघ के अध्यक्ष एड.आर.आर.महाजन, जिला विधी सेवा प्राधिकरण के सचिव कौशिक ठोंबरे उपस्थित थे। इस समय प्रभारी मुख्य न्ययमूर्ती श्रीमती तहिलरामाणी ने आगे कहा कि देश के हरएक नागरीक को स्वतंत्र जीवन यापन करने का अधिकार है। नागरिकों को अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिये कानून अनुसार उन्हे जरूरी संरक्षण उपलब्ध कराया गया है। इन अधिकारों का प्रयोग योग्य जगह पर एवं योग्य समय पर होना जरूरी है। तथा नागरिकों के अधिकार का संरक्षण योग्य तरीके से होने के लिये न्यायालय अपनी भुमिका निभाते है। लोक अदालत, न्याय पंचायत, जलद न्यायालय, समुपदेशन केंद्र, वैकल्पिक वाद निवारण केंद्र के माध्यम से नागरीकों को जलदगति से न्याय दिलाने के लिये तथा उनके विवाद छुडाने के लिये प्रयास करने की बात उन्होने कही। जलगांव यह पश्चिम भारत का महत्वपूर्ण शहर होने की बात उन्होने कही। विगत 7 सालों में जिले में प्रलंबित प्रकरण निपटाने के काम को गति आयी है। जिला न्यायालय इमारत एवं अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिये हरसंभव मदद करने का आश्वासन उन्होने दिया। मुंबई उच्च न्यायालय के औरंगाबाद खंडपीठ के न्यायमूर्ती एस.वी. गंगापुरवाला ने कहा कि समाज के जीन नागरिकों को न्यायालय में जाना संभव नहीं होता है वह नागरीक विधी सेवा प्राधिकरण की ओर अपनी बाजु रखकर न्याय पा सकते है। जलगांव में हुई लोक अदालत, जलद न्यायालय, समुपदेशन के माध्यम से 12 हजार से अधिक प्रकरण निपटाये गए है। इसमें भूसंपादन, मोटर दुर्घटना, पारीवारिक प्रकरणों का समावेश है। मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ के न्यायमूर्ती संगीतराव पाटील ने कहा कि देश में दावों की संख्या बडे पैमाने पर है। लोक अदालत, समुपदेशन केंद्र, विधी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से प्रलंबित दावे निपटाने के लिये प्रयास किये जा रहे है। प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश तथा चेअरमैन, जिला विधी सेवा प्राधिकरण, जलगांव कु. सविता बारणे ने प्रमुख अतिथियों का परिचय कराया। जिले में हुई लोक अदालत के माध्यम से दो हजार से ज्यादा दावे निपटाने की जानकारी भी उन्होने दी। कार्यक्रम की शुरूआत में जिला न्यायालय के वकिलों ने प्रार्थना की। इस समय उपस्थित गणमान्यों का जिला न्यायालय, जिला वकिल संघ, न्यायालय कर्मचारी संगठन आदि द्वारा शॉल, श्रीफल, पुष्पगुच्छ, स्मृतीचिन्ह देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी किशोरराजे निंबालकर, जिला पुलिस अधिक्षक दत्तात्रय कराले, सहायक जिलाधिकारी जलज शर्मा, अपर पुलिस अधिक्षक बच्चनसिंह, पुलिस उप अधिक्षक निलोत्पल, जिला शल्य चिकित्सक डा. एन. एस. चव्हाण, तहसीलदार अमोल निकम, जिला सरकारी वकिल एड. केतन ढाके सहित जिले के न्यायाधीश, वकिल संघ के पदाधिकारी, सदस्य, वकिल वर्ग तथा कानून की शिक्षा ले रहे छात्र, न्यायालयीन कर्मचारी एवं गणमान्य बड़ी संख्या में मौजुद थे। कार्यक्रम का संचालन एड.मुजुमदार ने किया एवं आभार कौशिक ठोंबरे ने माना।
फोटो कैप्शन १७ दिसम्बर जलगांव ०७,

