दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि). गत दिनों BSF के एक जवान तेज बहादुर ने फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड कर सेना को बदनाम करने की कोशिश की थी. तेज बहादुर ने वीडियो के माध्यम से कहा था कि जवान सीमा पर कड़ी धूप में सीमा की रक्षा करते है, लेकिन उन्हें निम्न दर्जे का खाना दिया जाता है. लेकिन जांच में तेज बहादुर का यह दावा झूठा निकला. बीएसएफ को बदनाम करने की साजिश के आरोप में तेज बहादुर यादव को बर्खास्त कर दिया गया है. उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हुई जांच के बाद की गई है, इसमें उसे बीएसएफ की इमेज खराब करने का दोषी पाया गया है.
न्यूज एजेंसी ने बीएसएफ के एक सीनियर ऑफिसर के हवाले से बताया कि यह फैसला स्टाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की रिपोर्ट के आधार पर लिया है. ऑफिसर का कहना है, कि जांच में कॉन्स्टेबल रैंक के इस जवान के आरोप गलत पाए गए. तेज बहादुर को इस फैसले के खिलाफ अपील के लिए 3 महीने का वक्त दिया गया है. तेज बहादुर ने जब वीडियो पोस्ट किया था तब वह बीएसएफ की 29वीं बटालियन में एलओसी पर पोस्टेड था. जांच के दौरान उनका ट्रांसफर बीएसएफ बटालियन जम्मू कर दिया गया था. यहां उन्हें प्लम्बर का काम दिया गया था.
ये आरोप लगाए थे तेज बहादुर ने
- 9 जनवरी को तेज बहादुर ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था.
- तेजबहादुर ने वीडियो में दावा किया था, ”हम किसी सरकार के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते. क्योंकि सरकार हर चीज, हर सामान हमको देती है. मगर हमारे आला अफसर सब बेचकर खा जाते हैं, हमको कुछ नहीं मिलता. कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है. मैं आपको नाश्ता दिखाऊंगा, जिसमें सिर्फ एक पराठा और चाय मिलता है.”
- ”उसके साथ अचार नहीं होता. दोपहर के खाने की दाल में सिर्फ हल्दी और नमक होता है, रोटियां भी दिखाऊंगा. मैं फिर कहता हूं कि भारत सरकार हमें सब मुहैया कराती है, स्टोर भरे पड़े हैं मगर वह सब बाजार में चला जाता है. इसकी जांच होनी चाहिए.”
- यादव ने कहा था कि सीमा पर कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है. वीडियो पर पीएमओ ने होम मिनिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी थी.
– तेज बहादुर ने ऑडियो क्लिप भी वायरल की थी
- तेज बहादुर का एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हुआ था. इसमें उन्होंने कहा था कि BSF अफसर मुझे डिसिप्लन तोड़ने का आरोपी बता रहे हैं. अगर ऐसा है तो फिर मुझे 14 अवॉर्ड क्यों दिए गए?
- इस पर BSF आईजी डीके उपाध्याय ने कहा था कि LOC पर तैनात फोर्स का राशन आर्मी सप्लाई करती है. ऐसे में, उसमें खराबी कैसे हो सकती है?
- BSF आईजी (जम्मू रेंज) डीके उपाध्याय ने इसके जवाब में कहा था कि तेज बहादुर का 2010 में सीनियर अफसर पर बंदूक तानने के लिए कोर्ट मार्शल हुआ था. परिवार का ख्याल करते हुए बर्खास्त करने के बजाय 89 दिन जेल में रखकर नौकरी बहाल कर दी गई. 20 साल के करियर में 4 बार कड़ी सजा मिल चुकी है.
- बता दें कि सीएजी की पिछले साल सामने आई रिपोर्ट में कहा गया था कि आर्मी के सर्वे में खुलासा हुआ कि 68% जवान खाने को असंतोषजनक या फिर लो लेवल का मानते हैं. सैनिकों को लो क्वालिटी का मीट और सब्जी दी जाती है. राशन भी कम होता है.
- तेजबहादुर ने मार्च एक और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें जांच के नाम पर टॉर्चर किया जा रहा है.
- बाद में जनवरी में ही दिल्ली हाईकोर्ट में जवानों को बेहतर क्वालिटी का खाना और सही डिस्ट्रिब्यूशन के लिए अफसरों की तैनाती की मांग करते हुए पीआईएल फाइल की गई.
– तेज बहादुर की पत्नी ने लगाया था कैद करने का आरोप
- फरवरी में तेजबहादुर की पत्नी ने आरोप लगाया था कि बीएसएफ ने पति को कैद कर लिया है. फैमिली उनसे कॉन्ट्रैक्ट नहीं कर पा रही है, मोबाइल भी बंद है.
- इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल की थी. जिस पर कोर्ट ने BSF से कहा कि तेजबहादुर की पत्नी को उनसे मिलने दिया जाए. वह चाहें तो हफ्ते में दो दिन उनके साथ हेडक्वार्टर में रह सकती हैं.
- बीएसएफ ने इस दौरान कोर्ट को बताया था कि जवान को गिरफ्तार नहीं किया है. उनके खिलाफ कोड ऑफ कंडक्ट वॉयलेशन की जांच हो रही है. इसके पूरा होने तक जवान को रिलीव नहीं किया जा सकता.