नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). 65 साल बाद यानी करीब 6 दशक के बाद दो दुश्मन देश उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया ने एक दूसरे की ओर दोस्ती के कदम बढ़ाएं हैं. उत्तरी कोरियाई नेता किम जोंग-उन और दक्षिणी कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन ने चेहरे पर मुस्कान और हाथ मिलाते हुए दोनों प्रायद्वीप देशों को बांटने वाली सैन्य सीमा रेखा पर मुलाकात की.
आगंतुकों के स्थल पर पहुंचने से पहले मून ने किम से कहा, ‘मैं आप से मिलकर खुश हूं.’ 1950-53 के कोरियन युद्ध के बाद से अब तक दोनों देशों की कड़वाहट जगजाहिर थी और पहली बार उत्तरी कोरियाई नेता युद्ध के अंत के बाद इस दिशा में कदम आगे बढ़ाया है.
कोरिया युद्ध के करीब 65 वर्ष बाद दक्षिण कोरिया की भूमि पर कदम रखने वाले किम पहले उत्तर कोरियाई शासक हैं. शिखर सम्मेलन के लिए पनमुंजम के युद्धविराम संधि के अधीन आने वाले गांव के दक्षिणी किनारे पर स्थित ‘पीस हाउस बिल्डिंग’ में दाखिल होने से पहले किम के आमंत्रण पर दोनों नेता एक साथ उत्तर कोरिया में दाखिल हुए.
– नए इतिहास का संकल्प लेकर आया हूं : मून
किम ने बैठक की शुरुआत होने के बाद मून से कहा, ‘ मैं यहां एक नए इतिहास का प्रारंभिक संदेश देने के दृढ़ संकल्प के साथ आया हूं.’ उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम दोनों नेताओं की बैठक का मुख्य एजेंडा है. मून ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वे ‘एक ऐसा समझौता कर पाएंगे जो कोरिया की जनता और शांति चाहने वाले सभी लोगों के लिए एक बड़ा तोहफा होगा.’
किम के साथ उनकी बहन एवं सलाहकार किम यो जोंग और अंतर – कोरियाई संबंधों के उत्तर कोरिया के प्रमुख और मून के साथ उनके खुफिया प्रमुख तथा चीफ ऑफ स्टाफ मौजूद रहे. उत्तर कोरिया की आधिकारिक सामाचार एजेंसी ‘केसीएनए’ ने कहा कि किम ‘अंतर कोरियाई संबंधों को सुधारने और कोरियाई प्रायद्वीप में शांति, समृद्धि और एकीकरण स्थापित करने के लिए हर मुद्दे पर खुले दिल से बातचीत करेंगे.’ पिछले साल प्योंगयांग ने छह परमाणु परीक्षण किए थे.