कपूरथला (तेज समाचार प्रतिनिधि): पंजाब के कपूरथला की रेल कोच फैक्ट्री में करीब एक साल से रेलवे के कुशल इंजीनियर्स की टीम पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगी है. इस ड्रीम प्रोजेक्ट का नाम है ‘तेजस’, जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली भारत की सबसे तेज ट्रेन होगी और सुविधाओं के मामले में यह हवाई जहाज को टक्कर देगी.
इतना ही नहीं यह ट्रेन देश में रेल यात्रा का अनुभव और अंदाज दोनों ही बदल देगी. फिलहाल इस ट्रेन को देश के तीन रूटों दिल्ली-चंडीगढ़, मुंबई गोवा और यूपी के दो महत्वपूर्ण शहरों के बीच चलाने की तैयारी है.तेजस ट्रेन का एक-एक कोच करीब सवा तीन करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है. यह शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों के कोच की लागत 2.5 करोड़ से 75 लाख रुपये ज्यादा है.
सुरक्षा के इंतजामः
– तेजस के दरवाजे मेट्रो के दरवाजों की तकनीक का इस्तेमाल कर बनाए गए हैं. ये दरवाजे मेट्रो की तरह की काम करेंगे और जब तक ट्रेन के सभी दरवाजे बंद नहीं होंगे ट्रेन आगे नहीं बढ़ेगी.
– इस दरवाजे का एक फायदा यह भी होगा कि इससे ट्रेनों में होने वाली लूट की घटनाओं से राहत मिलेगी.
– तेजस के हर कोच को सीसीटीवी से कवर किया गया है, इन कैमरों से यात्रियों और उनके सामान पर नजर रखी जाएगी.
– इस ट्रेन में ऑटोमैटिक फायर अलार्म सिस्टम लगाया गया है. आग लगने की स्थिति में ट्रेन अपने आप रुक जाएगी.
– हादसों से बचने के लिए इंप्रूव्ड ब्रेक सिस्टम, ट्रेन की टायरों के साथ दो स्टील डिस्क पैड्स लगाए गए हैं. तेजी से दौड़ती ट्रेन में अगर कभी एमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़े तो स्टील डिस्क पैड इंजन और डिब्बों को डिरेल होने से बचाएंगे.
खास सुविधाएंः
ट्रेन की सभी बोगियां चेयरकार होंगी. इसकी सीटें ई-लेदर से तैयार की गई हैं.
– फ्लाइट की तरह ही सीट के हेडरेस्ट को यात्री अपनी सहूलियत के अनुसार एडजस्ट कर सकेंगे. तेजस यह सुविधा देने वाली देश की पहली ट्रेन होगी.
– इसकी हर सीट के पास बटन लगे हुए हैं, जिन्हें दबाते ही कोच अटेंडेंट के पास एक ऑटोमैटिक घंटी बजेगी और वह आपकी मदद के लिए आपकी सीट के पास पहुंच जाएगा.
– तेजस की हर सीट पर 9 इंच का एक LCD डिस्प्ले स्क्रीन लगाया गया है, इस तरह की स्क्रीन अब तक सिर्फ विमानों में मिलती थी.
– इस स्क्रीन में बॉलीवुड-हॉलीवुड फिल्मों के अलावा बच्चों के कार्यक्रम देखे जा सकते हैं.
– मनोरंजन के अलावा इस स्क्रीन के जरिए यात्री जीपीएस सिस्टम से जुड़े रहेंगे और अपनी लोकेशन की जानकारी हासिल कर सकेंगे.
– ट्रेन में दृष्टिहीन यात्रियों के लिए ब्रेल लिपि से निर्देश लिखे गए हैं. सीट नंबर भी ब्रेल लिपि से लिखे गए हैं.
– कोचों को खास तरह के इंटरकनेक्टिंग सिस्टम से जोड़ा गया है. इससे एक कोच से दूसरे कोच में जाने में यात्रियों को परेशानी नहीं होगी.
– विमानों की तरह डिजाइन किए गए हैं टॉयलेट्स, इसके सोप डिस्पेंसर और पानी के नल सेंसर युक्त हैं. नल के नीचे हाथ रखते ही पानी आने लगेगा.
– तेजस के टॉयलेट बायो वैक्यूम टॉयलेट्स हैं, इनमें पानी का इस्तेमाल न के बराबर होगा.
बुलेट ट्रेन के सपने को करेगा पूरा
तेजस भारतीय रेल का वह पहला कदम माना जा रहा है जोकि भारतीय रेल के बुलेट ट्रेन चलाने के सपने को पूरा करेगा. तेजस के 19 डिब्बों का पहला रैक बनकर तैयार है और 10 मई को इसे कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री की तरफ से भारतीय रेल को सौंप दिया जाएगा. इसके बाद भारतीय रेल का ट्रैफिक और सिक्युरिटी डिपार्टमेंट इसकी बोगियों और इंजन का कई तरह का टेस्ट करेगा. इनमें पास होने के बाद ही तेजस को भारतीय रेल के खेमे में शामिल किया जाएगा. इस ट्रेन को ट्रैक पर उतारने से पहले भारतीय रेल को कई ट्रैकों का अपग्रेडेशन भी कराना होगा.