धुलिया (वाहीद कक्कर) शुक्रवार को धुलिया में बहुजन मराठा मराठा क्रांती मोर्चा निकाला रैली में हजारों की तादात में सभी समाज के नागरिक शामिल हुए जिन की मांग थी कि भिमा कोरेगाव की घटना के बाद शहर में हुई तोड़फोड़ महान व्यक्तित्व की शान में अश्लील शब्दों में अवमानना और 3 जनवरी के महाराष्ट् बंद के दौरान शहर में विभिन्न स्थानों पर सरकारी तथा निज़ि वाहनों और सरकारी प्रतिष्ठानों पर पत्थरबाजी की घटनाएं घटित हुई थी जिसमें हुए नुकसान का मुआवजा बंद पुकारने वालें से वसूल करने की मांग के अलावा आठ सूत्रीय मांगों की पूर्ति हेतु सुबह बारह बजे शिवाजी महाराज की प्रतिमा से मोर्चा निकाला गय । आयोजकों ने दावा किया है कि रैली में तकरीबन चालीस से पचास से हजार नागरिक उपस्थित थे मोर्चा शिवाजी प्रतिमा से जिलाधिकारी कार्यालय स्थित जाकर सभा में रुपांतरित हुआ जहां पर पूर्व विधायक शरद पाटील मनोज मोरे प्रदीप जाधव ने संबोधित किया । मोर्चे में महिला छात्राएं वकील डॉक्टर और व्यापारी बड़ी संख्या में शामिल हुए । इस दौरान पुलिस ने मोर्चा के एतराफ़ के रास्ते सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सील कर दिया था । ज़िला अधिकारी कार्यालय के आसपास के इलाके में पुलिस ने सुरक्षा के तगड़े इंतेजाम कर रखे थे जिस के कारण साक्री रोड ज़िला परिषद परिसर में अघोषित संचार बंदी लागू कर दी गई लेकिन मोर्चे के आयोजकों ने शहर बंद की घोषणा नहीं की थी इस दौरान मोर्चे के रास्ते में बंद व्यापारी प्रतिष्ठानों को मोर्चे में शामिल आयोजकों ने दुकानें खोलने का आव्हान किया ।
ज़िला अधिकारी दिलीप पांढरपट्टे को सौपे ज्ञापन में बताया गया है कि भिमा कोरेगाव घटना के बाद शहर में महाराष्ट् बंद की पुकार पर शहर सौ फीसदी तक बंद में शामिल रहा । शहर में विभिन्न स्थानों पर उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम दिया जिसमें राज्य परिवहन निगम की बसें निजी वाहन तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले किए औऱ तोड़फोड़ मचाई गयी । शहर बंद के दौरान मोर्चे में उपस्थित कुछ प्रदर्शनकारियों ने आगरा रोड स्थित दुकानों पर पथराव किया मोटर गाड़ी के शीशे तोड़े और महाराष्ट्र के दैवत शिवाजी महाराज दिवंगत बाला साहब ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदि महापुरुषों के विरोध में अवमान कारक नारे लगाए उन्हें अपमानित किया गया और छात्रा ओंमहिलाओं पर फब्तियां कसी गयी जिस के कारण सभी की भावना आहत हुई है । पुलिस प्रशासन द्वारा मूक दर्शक भूमिका निभाई गई है । राष्ट्र पुरुषों की अवमानना की और उपद्रवियों के नारे बाजी तोड़ फोड़ की वीडियो क्लिप ज़िलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को सौपी गयी है लेकिन पुलिस प्रशासन ने किसी भी प्रकार की कारवाई उपद्रवियों के खिलाफ नही की है । जिस के कारण से पुलिस से विश्वास उठ गया और शहर में पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से शहर में गैरकानूनी तरीके से अवैध कारोबार शुरू है । जिस के कारण अपराधिक गतिविधियों पर पुलिस का अंकुश नहीं रहा इस प्रकार का आरोप लगाया और कहा है कि ज़िले मे कर्तव्यदक्ष पुलिस अधीक्षक को नियुक्त करना और दाग दार पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की दूसरे स्थान पर ताबादला करने की मांग को गयी ।
भिमा कोरेगाव की हिंसा में मारा गया मराठा समाज के युवक के परिजनों को राज्य शासन ने एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता औऱ हत्याकांड में अन्य सामिल अपराधियो के खिलाफ धारा302
अनुसार दर्ज कराया जाए और महाराष्ट्र बंद के दौरान हुई हिंसा के कारण तोड़फोड़ करने वालों और बंद के आयोजकों से नुकसान भरपाई किया जाने की मांग और शह र मे गुंडागर्दी दहशत फैलाने वालों असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कानूनी प्रक्रिया शुरू किया जाने की मांग की गई इस दौरान अतुल सोनवणे राजेन्द्र इंगळे डॉक्टर योगेश ठाकरे पंडित जगदाले अधिवक्ता श्यामकान्त पाटील आदि बड़ी संख्या में शामिल हुए

