अकोला(अवेस सिद्दीकी): शौच के लिए गई महिला के साथ पिता पुत्र ने मिलीभगत कर जबरन अनैसर्गिक दुष्कर्म किया था इस मामले में पुलिस थाने में शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने अपराध दर्ज नहीं किया। एक निजी याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने बालापुर पुलिस को अपराध दर्ज करने के आदेश दिए। सुप्रिम कोर्ट के स्पष्ट आदेश है कि महिला तथा बच्चों के संदर्भ में प्राप्त हुए शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई करें किंतु वरिष्ठ न्यायालय के आदेश होने के बावजूद भी पुलिस इन मामलों को कितनी गंभीरता से लेती है यह बालापुर न्यायालय द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद ज्ञात होता है।
न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बालापुर तहसील के अंतर्गत आने वाले एक ग्राम की महिला ने अधिवक्ता वीरेंद्र व्यास तथा महेंद्र व्यास के माध्यम से बालापुर न्यायालय में एक निजी याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि वह २८ जनवरी २०१८ को शौच के लिए गई थी। इसी बीच ग्राम के रहने वाले विश्वास उत्तम इंगले तथा उनके पुत्र गौतम विश्वास इंगले, योगेश विश्वास इंगले ने उस पकड़कर झाडियों में ले गए तथा उसके साथ सामूहिक रूप से अनैसर्गिक दुष्कर्म किया। इस मामले में वह बालापुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने गई थी किंतु पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया। इस याचिका पर पीडि़ता का बयान सुनने के पश्चात बालापुर न्यायालय ने उपरोक्त लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए।