पिंपरी (तेज समाचार डेस्क). बढ़ते नागरिकरण और बढ़ते अपराधों के कारण पिंपरी-चिंचवड के लिए स्वतंत्र पुलिस आयुक्तालय की मांग पिछले लंबे समय से सभी स्तर पर की जा रही थी. मंगलवार को पिंपरी-चिंचवड के लिए स्वतंत्र पुलिस आयुक्तालय के प्रस्ताव को राज्य के मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है. उम्मीद जताई जा रही है कि अब जल्द ही पिंपरी-चिंचवड में आयुक्तालय कार्यान्वित होगा. इस आयुक्तालय के अंतर्गत शहरी व ग्रामीण मिला कर कुल 15 पुलिस थाने शामिल होंगे. यह जानकारी पुणे के पालकमंत्री गिरीश बापट ने यहां दी.
उल्लेखनीय है कि पिंपरी-चिंचवड शहर के लगातार हो रहे विकास के कारण शहर की जनसंख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है. इसके साथ ही शहर का औद्योगिक विकास भी तेजी से हो रहा है. परिणाम स्वरूप अपराध भी उसी गति से बढ़ रहे है. इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए आघाड़ी सरकार के कार्यकाल से पिंपरी-चिंचवड के लिए स्वतंत्र पुलिस आयुक्तालय की मांग की जा रही थी. तदनुसार मंगलवार को हुई मंत्रीमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिंपरी-चिंचवड सहित कोल्हापुर, मीरा-भाईंदर इन तीन शहरों के लिए स्वतंत्र पुलिस आयुक्तालय स्थापन करने की घोषणा की.
– 15 पुलिस थाने होंगे अंतर्गत
नवीन आयुक्तालय के अंतर्गत पिंपरी-चिंचवड के पिंपरी, चिंचवड, निगडी, भोसरी, सांगवी, वाकड, हिंजवडी, दिघी, चिखली, भोसरी एमआईडीसी ये 10 शहरी और ग्रामीण के चाकण, आलंदी, देहूरोड, तलेगांव, तलेगांव एमआईडीसी ये 5 इस प्रकार कुल 15 पुलिस थाने शामिल होंगे. फिलहाल पुलिस आयुक्तालय के लिए किराए पर जगह ली जाएगी.
– अतिरिक्त पुलिस महासंचालक स्तर के अधिकारी की होगी नियुक्ति
पिंपरी-चिंचवड पुलिस आयुक्तालय के लिए अतिरिक्त पुलिस महासंचालक स्तर के पुलिस अधिकारी को इस आयुक्तालय के प्रमुख की जिम्मेदारी दी जाएगी. अब देखना यह होगा कि शहरी और ग्रामीण यानी कुल 15 पुलिस थानों के अंतर्गत 22 लाख जनसंख्यावाले इस आयुक्तालय की जिम्मेदारी राज्य सरकार किसके कंधों पर सौंपती है. राज्य सरकार की ओर से इस आयुक्तालय के लिए करीब 400 करोड़ रुपए वार्षिक का प्रावधान बजट में किया गया है.
– पुणे आयुक्तालय का बोझ होगा
पिंपरी-चिंचवड में स्वतंत्र पुलिस आयुक्तालय बनने के बाद पुणे आयुक्तालय का बोझ काफी हद तक कम होगा. इसके साथ ही दोनों आयुक्तालयों के आपसी सामंजस्य से अपराधियों पर नकेल कसने में भी पुलिस प्रशासन को आसानी होगी. वर्तमान में पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला के नेतृत्व में ही पुणे और पिंपरी-चिंचवड शहर की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है. जल्द ही उनकी यह जिम्मेदारी विभाजित होनेवाली है.
– अपराधिक घटनाओं से भरा रहा 2017
वर्ष 2017 में पिंपरी-चिंचवड़ में आपराधिक घटनाओं की जैसे बाढ़ आ गयी थी. हत्या, फिरौती, अपहरण, जालसाजी, गोलीबारी सहित तोड़फोड़ की वारदातें पिम्परी-चिंचवड़ की बढती हुई प्रगति पर संकट के बादल के जैसे छाई रही. साथ ही गैर क़ानूनी हथियारों की खरीद-फरोख्त के लिए अपराधियों का यह अड्डा बन चुका है. अपराधियों के लिए उनकी पसंदीदा जगह बन चुकी यह उद्योग नगरी पुलिस के लिए सरदर्द का कारण बन चुकी है. कम पुलिस बल के चलते इस पर लगाम नहीं लगा पा रही है. लेकिन अब पुलिस आयुक्तालय के बनने से यहां अपराध का ग्राफ नीचे आने की संभावना जताई जा रही है.