पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि) शहर में होर्डिंग लगानेवाली कंपनियों पर अब बड़ी आफत आनेवाली है, ऐसी आशंका जतायी जा रही है. क्योंकि आगामी काल में शहर में लगनेवाले होर्डिंग का काम शहर की एजेन्सियों को नहीं दिया जाएगा. बल्कि दिल्ली की कंपनी को होर्डिंग का ठेका दिया जाएगा. यह मन मनपा प्रशासन ने बना लिया है. इससे संबंधित प्रस्ताव आकाशचिन्ह विभाग की ओर से मनपा आयुक्त के समक्ष रखा गया है. इससे अब कहा जा रहा है कि होर्डिंग धारकों के बुरे दिन आएंगे. साथ ही महापालिका की आय पर भी असर होगा.
– महापालिका को होती है 45 करोड़ की आय
ज्ञात हो कि शहर की विभिन्न कंपनियां, एजेन्सियां, राजनैतिज्ञों की ओर से शहर में होर्डिंग लगाए जाते हैं. इन होर्डिंग को लगाने का ठेका महापालिका ने शहर की कई कंपनियों को दिया है. इन्हें 222 वर्ग मीटर की दर से विज्ञापन लगाने की अनुमति दी जाती है. जो अधिकृत एजेन्सियां हैं, उन्हें महापालिका की ओर से लाइसेन्स दिया जाता है. इसके अनुसार ही स्थान तय कर की जाती है. उसके बाद उस पर होर्डिंग लगा दिए जाते हैं. होर्डिंग धारकों को लाइसेन्स देने का काम महापालिका के आकाशचिन्ह विभाग की ओर से किया जाता है. महापालिका को इन कंपनियों से व विज्ञापन धारकों से हर साल करीब 42 से 45 करोड़ तक की आय होती जाती है. इससे महापालिका की तिजोरी में वृद्धि होती है. विगत 5 साल पहले मनपा को सालाना सिर्फ 2 से 5 करोड़ तक की आय होती थी. लेकिन बाद में मनपा ने इसके दर बढ़ा दिए. जिसके बाद मनपा को अच्छी आय हो रही है. लेकिन अब लग रहा है कि आगामी काल में यह आय भी मनपा को नहीं मिलेगी. क्योंकि अब शहर की एजेन्सियों को होर्डिंग लगाने की अनुमति नहीं देने का फैसला मनपा प्रशासन की ओर से किया गया है. उसके बजाय दिल्ली स्थित एक ही कंपनी को इसका काम देने का मन मनपा प्रशासन की ओर से बनाया गया है. इससे संबंधित प्रस्ताव भी आकाशचिन्ह विभाग की ओर से बनाकर मंजूरी के लिए उसे आयुक्त के समक्ष रखा गया है.
– लाइसेन्स के नवीनीकरण की प्रक्रिया रूकी
ज्ञात हो कि होर्डिंग धारक व कंपनियों को हर साल अपने लाइसेन्स का नवीनीकरण करना पड़ता है. 31 मार्च से पहले इसका नवीनीकरण करना अनिवार्य होता है. नहीं तो मनपा साल भर तक उन लोगों को विज्ञापन लगाने की अनुमति नहीं देती. इस वजह से सभी धारकों ने विगत माह से मनपा में कागजात जमा कराए हैं. लेकिन मनपा प्रशासन ने अभी तक नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की है. इसपर प्रशासन की ओर से रोक लगा दी गयी है. क्योंकि प्रशासन का कहना है कि एक ही कंपनी को अब काम दिया जानेवाला है. इस वजह से अब नवीनीकरण का काम नहीं किया जाएगा. इससे लग रहा है कि शहर के होर्डिंग धारक व कंपनियों पर बड़ी आफत आनेवाली है.