पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि). हर महिला की ललक होती है कि उसके आंगन में बच्चे की किलकारी गूंजे. उसके गोद में बच्चा खेले. एक प्रकार से मातृत्व हर मिहला के लिए वरदान साबित होता है. पर आज की जीवनशैली में किसी कारणवश कई महिलाएं इससे वंचित हो जा रही हैं. गर्भाशय में खराबी की वजह से मातृत्व का सुख वे नहीं ले पा रही हैं. ऐसी महिलाओं के लिए पुणे का गैलेक्सी केयर अस्पताल आशा की एक नई उम्मीद बनकर आया है. जिसमें देश का पहला गर्भाशय प्रत्यारोपण सफलता पूर्वक किया गया. अस्पताल के संस्थापक डॉ. शैलेश पुणतांबेकर के नेतृत्व में १२ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने गुरुवार को मूल रूप से सोलापुर की २१ वर्षीय युवती के शरीर में उसकी मां का गर्भाशय प्रत्यारोपित किया. जिससे इस महिला के मां बनने का रास्ता साफ हो गया है. इस ऑपरेशन में दोनों ही महिलाएं स्वस्थ व सुरक्षित हैं.
डॉ. मिलिंद तेलंग ने प्रेस सम्मेलन में बताया कि सोलापुर की इस महिला की तीन और बहने हैं. उपरोक्त महिला को जन्म से ही गर्भाशय नहीं था. इसलिए मां ने ही अपना गर्भाशय बेटी को देने का निर्णय लिया. लेकिन भारत में इसकी सुविधा नहीं थी. ऐसे में डॉ. पुणतांबेकर ने देश का पहला ऐसा ऑपरेशन करने की चुनौती स्वीकार की. जिसके चलते इस युवती को उसकी मां का गर्भाशय उसमे प्रत्यारोपित किया जा सका. तेलंग ने बताया कि गुरूवार दोपहर १२ बजे से इस ऑपरेशन को शुरू किया गया. मां के शरीर से गर्भाशय निकालने में लगभग 4 घंटे लगे. और 5 घंटे की मेहनत के बाद गर्भाशय को मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया. रात को लगभग ९.१५ बजे वह प्रत्यारोपण सफल हो सका.इस ऑपरेशन में दोनों ही महिलाएं स्वस्थ व सुरक्षित हैं.
तेलंग के अनुसार गर्भाशय प्रत्यारोपण का पहला ऑपरेशन स्वीडन में वर्ष २०१४ में किया गया था. अबतक पूरी दुनिया में ऐसे केवल २५ ऑपरेशन किये गए हैं. जिसमे से 10 महिलाओं ने गर्भधारण किया. पिछले १४ सालों से गैलेक्सी केयर हॉस्पिटल में गर्भाशय के सबसे ज्यादा ऑपरेशन हुए हैं. अबतक यहां के चिकित्सकों ने गर्भाशय निकालने वाले ऑपरेशन किये थे, लेकिन दूसरे में प्रत्यारोपित नहीं किया था.गुरूवार को उसे भी सफलता पूर्वक कर देश की महिलाओं में एक उम्मीद जगाई.
तेलंग ने बताया कि जो महिलाए में किसी कारणवश गर्भाशय से वंचित हैं, उन्हें इस ऑपरेशन द्वारा पुनः गर्भाशय का वरदान प्रदान किया जा सकता है. गर्भाशय का प्रत्यारोण सिर्फ मां और बहन ही कर सकती हैं. मां व बेटी का डीएनए टेस्ट कर के ही यह ऑपरेशन किया जा सकता है. इसके लिए उम्र की समय सीमा निश्चित है.