- – मनपा आयुक्त ने स्थायी समिति को पेश किया
- – विगत बजट की तुलना में 148 करोड़ की कमी
पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि) समूचे देश में अच्छे दिन की बात की जा रही है, उसी देश का हिस्सा व राज्य की सांस्कृतिक राजधानी कही जानेवाली पुणे नगरी के नागरिकों को अच्छे दिन तो नहीं आएंगे, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2017-18 के महापालिका बजट में उनपर कर बढ़ोतरी का सौगात दिया गया है. वहीं कोई भी नई योजनाएं पुणेकरों को नहीं दी गई हैं. यानी दोहरी मार पुणेकरों पर पड़ी है. गुरूवार को महापालिका आयुक्त कुणाल कुमार ने करीब 5 हजार 600 करोड़ का बजट पेश किया. जो पिछले साल की तुलना में 148 करोड़ कम हैं. पुणेकरों को अब 12 प्रतिशत संपत्ति कर की मार सहन करनी पड़ेगी. उसके साथ ही पुणेकरों को अतिरिक्त 15 प्रतिशत जल कर का भी सामना करना पड़ेगा. वास्तविक बजट पेश करने के चक्कर में आयुक्त ने पुणेकरों को एक भी नई योजना नहीं दी है. पुणे शहर के लिए जो पुरानी परियोजनाएं चल रही हैं, उसे ही आगे बढाने के लिए मनपा आयुक्त ने ज्यादा प्रावधान बजट में किया है. वर्ष 2016-17 में स्थायी समिति ने 5 हजार 748 करोड़ का बजट पेश किया था.
– 1700 करोड़ का घाटा
महापालिका आयुक्त कुणाल कुमार ने गुरूवार को महापालिका का वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट स्थायी समिति अध्यक्ष मुरलीधर मोहोल को पेश किया. लगभग 5 हजार 600 करोड़ का यह बजट है. 2016-17 का स्थायी समिति का बजट 5748 करोड़ था. यानी 148 करोड़ की कमी इस बजट में की गई है. महापालिका प्रशासन वर्ष 2016-17 में खर्च व आय में संतुलन नहीं बना सकी. खर्चा ज्यादा किया गया, लेकिन उसके अनुपात में महापालिका आय नहीं कमा पाई. करीब 1700 करोड़ का घाटा महापालिका को इस बजट के माध्यम से हुआ है. इस बारे में आयुक्त कुणाल कुमार ने कहा कि निर्माण कार्य अनुमति शुल्क के माध्यम से जितनी राशि कमाने का लक्ष्य हमने रखा था, उतनी आय हमें नहीं मिल पायी. साथ ही राज्य सरकार की ओर से जो अनुदान मिलना था, वह भी अभी तक नहीं मिल पाया है. इस वजह से यह घाटा दिख रहा है. लेकिन जल्द ही सरकार राशि दे देगी. इससे बजट का संतुलन होने में मदद मिल जाएगी. आयुक्त के अनुसार विगत साल हमने 4037 करोड़ की आय कमाई थी. इस बार भी हम 4 हजार करोड़ का आंकड़ा छू पाएंगे. ऐसा भरोसा आयुक्त ने जताया. एलबीटी, संपत्ति कर व निर्माण कार्य अनुमति शुल्क से ज्यादा राशि कमाने की आशा आयुक्त ने जताई. इस बजट में नई योजनाएं ना चलाकर पुरानी योजनाओं को ही पूरा करने पर जोर दिया जाएगा. उसके लिए बजट में प्रावधान भी किया गया है.
– शाश्वत यातायात व्यवस्था व शाश्वत विकास पर रहेगा जोर
आयुक्त ने बजट पेश करते समय कहा कि आगामी काल में शहर में शाश्वत यातायात व्यवस्था व शाश्वत विकास पर जोर दिया जाएगा. शाश्वत यातायात व्यवस्था के तहत औंध, सातारा बीआरटी रोड़ प्रकल्प, पीएमपी के लिए नईं बसें खरीदना, डेपो व टर्मिनल विकसित करना, पादचारी सुरक्षा नीति पर अमल करना, अर्बन स्ट्रीट गाइडलाइन के तहत सड़क, फुटपाथ का निर्माण, शहर में साइकिल इन्फ्रास्टक्चर बनाना, पब्लिक बाइसिकल शेयरिंग योजना पर अमल करना. इसके साथ ही नदी सुधार प्रकल्प, राष्ट्रीय नदी संवर्धन योजना के तहत शहर में विभिन्न जगहों पर स्वच्छतागृहों का निर्माण करना, शहर में एकात्मिक स्ट्रीट लाइट लगाना, स्मार्ट सिटी के तहत शहर में जगह-जगह पर पर्यावरण सेन्सॉर लगाना, जैसे काम बजट के माध्यम से किए जाने का भरोसा आयुक्त ने दिया. बजट में ऐसी योजनाओं पर जोर देने की वजह से जलतरण तालाब बनाने जैसे कामों पर महापालिका खर्चा नहीं कर पाएगी.
– किस योजनाओं पर कितना प्रावधान?
योजना राशि करोड़ में
जलापूर्ति 788
मलनि:स्सारण 69
घनकचरा प्रबंधन 90
भूमि अधिग्रहण 75
यातायात नियोजन 168
मेट्रो प्रकल्प 50
सड़क विभाग 433
पीएमपीएमएल 392
नदी सुधार 86
उद्यान 34
विद्युत 23
भवन रचना 140
आईटी विभाग 45
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा 366
झोपड़पट्टी निर्मूलन 8.60
– कहां से आएगा रुपया?
विभाग लक्ष्य
एलबीटी 1730 करोड़
प्रॉपर्टी टैक्स 1366 करोड़
विकास शुल्क 1025 करोड़
जल दर 319 करोड़
सरकारी अनुदान 329 करोड़
कर्जा व कर्जा बांड 261 करोड़
शेष जमा 261 करोड़
कुल 5600 करोड़
कैसे खर्च होगा रुपया?
विभाग खर्चा
सेवकवर्ग 1614 करोड़
बिजली खर्चा 223 करोड़
पानी खर्चा 28 करोड़
कर्जा वापस करना 42 करोड़
दवां, पेट्रोल, डिजल 105 करोड़
देखभाल व मरम्मत खर्चा 870 करोड़
वॉर्डस्तरीय काम 34 करोड़
क्षेत्रीय कार्यालय के काम 101 करोड़
पुंजीगत व विकास काम 2339 करोड़
जेएनएनयूआरएम 240 करोड़
कुल 5600 करोड़