पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि)- भारत स्वच्छता अभियान के तहत मनपा की ओर से शहर को खुले से शौचमुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत मनपा की ओर से शहर में अब तक 25 हजार से अधिक व्यक्तिगत स्वच्छतागृह बनाए हैं. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से मनपा को निधि मिलनेवाला है. महापालिका को अब तक केंद्र से सिर्फ 12 हजार स्वच्छतागृहों का ही निधि मिल पाया है. शेष खर्चा ना मिलने की वजह से मनपा को खुद ही खर्च करना पड़ रहा है.
शहर में बने 25 हजार से अधिक स्वच्छतागृह
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर को खुले में शौचमुक्त करने का ऐलान केंद्र सरकार की ओर से किया गया था. उसके लिए केंद्र सरकार की ओर से सभी महानगर पालिका को अनुदान भी दिया जाता है. सरकार के निर्देशानुसार महानगर पालिका की ओर से शहर के व्यक्तिगत स्वच्छता गृहों का सर्वे कराया गया था. इसमें पाया गया कि शहर के करीब 19 हजार घरों में स्वच्छता गृह ही नहीं है. नतीजा खुले में शौच करने का प्रमाण ज्यादा है. इससे शहर में गंदगी फैलती है. लोगों के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत परिणाम होता है. इसलिए महानगर पालिका ने शहर में व्यक्तिगत स्वच्छतागृह बनाने का काम 1 साल पहले ही शुरू कर दिया था. उसके लिए संबंधित घर मालिक को 15 हजार का अनुदान मनपा की ओर से दिया जाता है. करीब 19 हजार स्वच्छता गृहों के लिए 17 करोड़ की लागत आएगी. इसका प्रावधान भी प्रशासन की ओर से बजट में किया गया है. इस योजना के तहत आगामी 2 अक्टूबर 2017 तक सभी स्वच्छता गृह बनाने थे. लेकिन मनपा प्रशासन ने बीते सितंबर माह में ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया. महापालिका प्रशासन की ओर से हाल ही में 25 हजार से अधिक स्वच्छतागृह का निर्माण किया गया है. देश में स्वच्छता गृह निर्माण में पुणे मनपा मध्य प्रदेश के जबलपुर मनपा को पछाड़ कर पहले स्थान पर आ गयी है. लेकिन इसके लिए जो केंद्र सरकार की ओर से निधि मिलना अपेक्षित था, वह निधि काफी कम तादाद में प्राप्त हुई है.
सिर्फ 12 हजार स्वच्छतागृहों का मिला अनुदान
इस बारे में घनकचरा विभाग की ओर से बताया गया कि अब तक महानगर पालिका को सिर्फ 12 हजार स्वच्छता गृहों का निधि मिला है. शेष 13 हजार स्वच्छता गृहों का निधि नहीं मिला है. इसके लिए मनपा को खुद ही खर्चा करना पड़ रहा है. हाल ही में केंद्र की ओर से कहा गया कि मानकों के अनुसार स्वच्छता गृह बना दिए जाए. इसके अनुसार शहर में कुल 32 हजार स्वच्छता गृह बनाने पड़ेंगे. अब तक 25 हजार हो गए है. और 7 हजार बनाने है, इसके लिए निधि लगेगा. यह निधि भी अब मनपा को ही खर्च करना पड़ेगा. इसलिए केंद्र के निधि की हम राह देख रहे है.