पुणे. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम और उनके हस्ताक्षर के फर्जी लेटर हेड बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कराने और शासन के साथ फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. तबादले के फर्जीवाडे में पुणे भूमि अभिलेख कार्यालय के 6 अधिकारियों के तबादले की सिफारिस की गई थी. लेकिन पुलिस की सतर्कता से तबादले का फर्जीवाड़ा करनेवाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले का आरोपी पहले मंत्रालय में क्लर्क था, लेकिन उसे रिश्वतखोरी के मामले में सेवा से निष्कासित किया गया था.
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए आरोपी का नाम अविनाश हरिचंद्र जाधव उर्फ दिलीप हरिचंद्र शिर्के (47) है. उसके खिलाफ बंडगार्डन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. इस बारे में श्याम दत्तात्रय खामकर (55,पुणे) ने शिकायत दर्ज कराई है. शिकायतकर्ता जमाबंदी आयुक्त और संचालक भूमि अभिलेख कार्यालय में उपसंचालक पद पर कार्यरत है. खामकर ने पुलिस को बताया कि 12 अप्रैल को आरोपी अविनाश जाधव एक व्यक्ति के साथ जमाबंदी आयुक्त कार्यालय में आया था. इन दोनों ने आयुक्त कार्यालय के स्वीय सहायक के पास एक पत्र दिया, जिसमें पांच अधिकारियों के तबादले किए जाने के आदेश दिए गए थे. इसके बाद इसकी जानकारी आयुक्त को दी गई. इसके अगले दिन जमाबंदी कार्यालय में आरोपी ने फोन किया और कहा कि मैं मुख्यमंत्री का पी. ए. बोल रहा हूं. आरोपी ने फोन पर तबादले की बात कही. उसके बातों पर शक होने से आयुक्त और स्वीय सहायक ने संबंधित लेटरहेड की जांच की, जिसमें यह आदेश और लेटर हेड फर्जी होने की जानकारी सामने आई. इसके बाद खामकर ने पुणे पुलिस को संपर्क करते हुए सारी हकीकत बयान कर दी. इसके अनुसार अपराध विभाग के पुलिस उपायुक्त पी. आर. पाटिल, सहायक आयुक्त सुरेश भोसले, वरिष्ठ निरीक्षक नितीन भोसले पाटिल और सहायक निरीक्षक सुनील गवली की टीम ने जाल बिछाकर आरोपी जाधव को गिरफ्तार किया.
– मंत्रालय में कार्यरत था आरोपी
ज्ञात हो कि 1977 में आरोपी अविनाश जाधव मंत्रालय के शिक्षा विभाग में कार्यरत था. 2011 में रिश्वत लेने के मामले में जाधव और उसके दो वरिष्ठ अधिकारियों को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे सेवा से निष्कासित किया गया था. इस मामले में उसे तीन माह की सजा हुई थी. इसके बाद से वह लोगों के मंत्रालय के काम तथा सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों के तबादले करनेवाला एजेंट के रूप में सक्रिय था.