रुड़की (तेज समाचार प्रतिनिधि). 3 तलाक के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली महिला की ओर से दर्ज किए गए दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में पुलिस ने आरोपी पति व ससुर को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों को सहारनपुर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दोनों के खिलाफ इसी महीने कोर्ट ने गैर-जमानती वॉरंट जारी किया था. महिला के ससुर सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बताए जाते हैं.
सुल्तानपुर निवासी आतिया साबरी का निकाह 25 मार्च, 2012 को लक्सर कोतवाली के जसोदरपुर गांव निवासी सईद अहमद के बेटे वाजिद के साथ हुआ था. आरोप है कि शादी के बाद उसकी दो बेटियां हुईं, जिससे उसके ससुरालवाले नाखुश थे. महिला का ससुरालवालों पर आरोप है कि उसकी छोटी बेटी को गर्भ में ही मारने का प्रयास भी किया गया था.
आतिया का आरोप है कि ससुराल में उन्हें दहेज के लिए भी प्रताड़ित किया जा रहा था. उससे दहेज के रूप में 25 लाख रुपये की मांग भी की जा रही थी. 2 नवंबर, 2015 को उसके पति की ओर से एक कागज पर तीन तलाक लिखकर उसे एकतरफा तलाक दे दिया गया.
मामले में आतिया साबरी ने पति वाजिद, ससुर सईद अहमद व सास मेहराज के खिलाफ सहारनपुर के एसीजेएम द्वितीय कोर्ट के माध्यम से दहेज उत्पीड़न समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोपियों के खिलाफ न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे इसके बाद से पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी. इस बीच लक्सर कोतवाल एनसी सेमवाल ने बताया कि मंगलवार को लक्सर कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के संबंध में जानकारी मिली, जिसके बाद दबिश देकर महिला के पति व ससुर को गिरफ्तार कर लिया.
तीन तलाक के मामले में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद आतिया साबरी देशभर में चर्चा में है. उसने पति पर बिना उसकी सहमति के एक कागज पर लिखकर उसे तीन तलाक देने और इस संबध में दारूल ऊलूम देवंबद से भी फतवा हासिल करने का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय मे याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई 30 मार्च को होनी है. बता दें कि इस मामले में दारुल उलूम देवबंद भी शामिल है, कागज पर लिखकर तलाक के इस मामले में शरीयत ने पति वाजिद से आतिया का तलाक जायज ठहराया था.
– पीएम मोदी से की वादा निभाने की मांग
गौर हो कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत के बाद आतिया ने कहा था कि उन्होंने भी बीजेपी को वोट दिया था. अब मोदी तीन तलाक पर अपना वादा निभाएं. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में 3 तलाक का मुद्दा उठाते हुए इसका विरोध किया था.