नई दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि). जहां एक ओर कश्मीर में पत्थरबाजों ने शांति के सभी दरवाजे बंद कर दिए हो, और हमारे सुरक्षा बलों पर लगातार हमले कर उन्हें घायल करने की नापाक कोशिश कर रहे हो, ऐसे में तुर्की के राष्ट्रपति ने कश्मीर समस्या का हल बातचीत से निकालने की सलाह दे रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत से पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए बहुपक्षीय संवाद की पैरवी की ताकि इलाके में शांति सुनिश्चित की जा सके. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने रविवार 30 मई को नई दिल्ली पहुंचने से पहले वीओन (WION) न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा, कि हमें कश्मीर में और घटनाओं को होने की इजाजत नहीं देनी चाहिए. बहुपक्षीय वार्ता के जरिए जिसमें हम भी शामिल हो सकते हैं, हम कश्मीर समस्या को हल करने का एक रास्ता निकाल सकते हैं जो सभी के लिए होगा. उन्होंने कहा, कि पूरी दुनिया में इससे बेहतर दूसरा और कोई विकल्प नही कि वार्ता की प्रकिया को जारी रखा जाए. यहि हम वैश्विक शांति की ओर योगदान देते हैं तो हम एक सकारात्मक परिणाम हासिल कर सकते हैं.
– दिल्ली में रेसेप तईप एर्दोगन का स्वागत
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन का सोमवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एर्दोगन का स्वागत किया. उसके बाद राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया.
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, कि भारत को तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का स्वागत करने की खुशी है. वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “एक महत्वपूर्ण दौरा. इसके बाद एर्दोगन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी एर्दोगन से मुलाकात की और उनके साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की.
एर्दोगन तुर्की में 16 अप्रैल को हुए जनमत संग्रह में जीत हासिल करने के बाद भारत दौरे पर आए हैं. एर्दोगन इससे पहले 2008 में भारत दौरे पर आए थे, जब वह प्रधानमंत्री थे. राष्ट्रपति मुखर्जी ने 2013 में तुर्की का दौरा किया था. वहीं, मोदी ने इससे पहले 2015 में अंताल्या में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान एर्दोगन से मुलाकात की थी.
– दोनों देशों के व्यापार में संतुलन हो
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने सोमवार 1 मई को कहा कि भारत और तुर्की के बीच संयुक्त व्यापार में संतुलन होना चाहिए और इस दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए. एर्दोगन ने नई दिल्ली में एक व्यापारिक समारोह में कहा, कि यह बैठक व्यापारिक रिश्तों के एक नए युग की शुरुआत की सूचक है. एर्दोगन ने कहा कि दोनों देश अनुसंधान समेत कई क्षेत्रों में एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनका देश बुनियादी ढांचे के तेज विकास की जरूरत में भारत की मदद कर सकता है. उन्होंने कहा, कि संयुक्त व्यापार में संतुलन होना चाहिए और इस दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए.