दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि) मंगलवार को व्हॉट्स एप और फेसबुक पर योग गुरु बाबा रामदेव की मौत की खबर सुन कर पूरे देश में हड़कंप मच गया. लोग एक दूसरे से फोन कर इस खबर की पुष्टि कर रहे थे, लेकिन कहीं से भी इस खबर की पुष्टि नहीं हो पर रही थी. देश के पत्रकार अपने-अपने परिसर के पुलिस स्टेशनों में फोन कर खबर की सच्चाई जानने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने भी ऐसी किसी खबर से मना कर दिया. लेकिन कुछ ही देर के बाद जब पत्रकार बाबा रामदेव के संपर्क में आए और बाबा रामदेव ने इसे कोरी अफवाह बताया, तब कही देशवासियों के जान में जान आई.
– मुंबई-पुणे से वायरल हुआ मेसेज
हुआ यू कि सोशल मीडिया पर मंगलवार दोपहर एक मेसेज वायरल हो गया कि मुंबई-पुणे हाइवे पर एक सड़क दुर्घटना में योग गुरु बाबा रामदेव की मौत हो गई. इस मेसेज के वायरल होते ही हड़कंप मच गया और लोग आधिकारिक सूत्रों से इस खबर की पुष्टि में जुट गए. हालांकि, बाद में पता चला कि यह फर्जी खबर हैं और जिन फोटो के जरिए रामदेव की मौत खबर फैलाई जा रही थी वे अन्य दुर्घटनाओं की थी.
– पतंजलि योगपीठ को जारी करना पड़ा बयान
सोशल मीडिया पर तस्वीरें आने के बाद रामदेव के अनुयायियों ने खबर की सत्यता के लिए पतंजलि योगपीठ और योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़े लोगों को फोन करना शुरू कर दिया. हरिद्वार में पतंजलि के प्रवक्ता एस. के. तिजारावाला को बयान जारी कर बताना पड़ा कि शरारती तत्वों ने बिहार में हुए ऐक्सिडेंट और वर्ष 2011 में पतंजलि से जौलीग्रांट हॉस्पिटल ले जाते वक्त कि योगगुरु बाबा रामदेव की तस्वीरों को जोड़कर इस तरह की अफवाह फैलाई है. उन्होंने कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव पूर्ण रूप से स्वस्थ और सुरक्षित हैं. दरअसल जून 2011 में बाबा रामदेव भ्रष्टाचार के खिलाफ उपवास पर थे. उपवास के सातवें दिन उनकी तबीयत खराब हो गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.