अगरतला – अगरतला से लेकर बांग्लादेश में अखौरा को रेल संपर्क से जोड़ने की बहुप्रतीक्षित योजना की आधारशिला रेल मंत्री सुरेश प्रभु और उनके बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद मुजीबुल हक ने संयुक्त तौर पर रखी। साथ ही प्रभु ने रविवार को पूर्वोत्तर में त्रिपुरा से जोड़ने वाली अगरतला-आनंद विहार (नई दिल्ली) सुंदरी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई।रेल मंत्रालय के अनुसार त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस हर रविवार को चलेगी। यह गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी होते 48 घंटे में नई दिल्ली पहुंचेगी। बाद में इस रेल ट्रैक को बढ़ाकर त्रिपुरा के दक्षिणी शहर सबरूम तक ले जाया जाएगा। यहां से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह की दूरी महज 75 किमी रह जाएगी। वहीं भारत-बांग्लादेश रेलवे परियोजना को अंतिम रूप देने के छह वर्षो के बाद दोनों देशों के रेल मंत्रियों ने रविवार को 968 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारिशला रखी। बता दें की अगरतला-अखौरा रेल संपर्क के लिए भूमि का अधिग्रहण पहले ही शुरू कर दिया गया है और डोनर मंत्रालय ने 580 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसदौरान प्रभु ने कहा कि यह ट्रांस-एशियाई रेल संपर्क का हिस्सा होगा। उन्होंने कहा, ‘हम बांग्लादेश के साथ संपर्क के प्रति वचनबद्ध हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध बेहद सौहार्दपूर्ण है और उनका (बांग्लादेश) रवैया हमारी पहल में सहयोगात्मक है।’ यहां से रेलवे लाइन को त्रिपुरा में दक्षिणतम शहर सबरुम तक बढ़ाया जाएगा। सबरुम बांग्लादेश में चटगांव बंदरगाह से सिर्फ 75 किलोमीटर दूर है। प्रभु ने कहा, ‘चटगांव बंदरगाह एशिया में सर्वश्रेष्ठ बंदरगाह है। हम भारतीय रेल पटरियों को सबरुम के रास्ते चटगांव बंदरगाह से जोड़ना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर क्षेत्र को पर्यटन का केंद्र बनाना चाहते हैं। प्रभु ने कहा, ‘हम समूचे पूर्वोत्तर में रेलवे नेटवर्क विकसित करना चाहते हैं और इसे पर्यटन का केंद्र बनाना चाहते है। हम बांग्लादेश को उसी पर्यटन सर्किट पर लाना चाहते हैं।’ विदित हो की अगरतला-अखौरा परियोजना को जनवरी, 2010 में नई दिल्ली में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुलाकात के दौरान अंतिम रूप दिया गया था। 2012-13 के रेल बजट में परियोजना को मंजूरी मिली। जून, 2015 में बांग्लादेश की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हसीना के साथ रेल परियोजना पर चर्चा की थी।