आंध्र प्रदेश (तेज़ समाचार प्रतिनिधि):अब तक 150 देशों में 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटर को अपने चपेट में लेने वाला रेनसमवेयर भारत में पहुंच गया है। अभी तक आंध्र प्रदेश के 100 पुलिस स्टेशन, 4 मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां, 2 रिटेलर, 2 बैंक और कुछ अन्य कंपनियां इससे प्रभावित हुई हैं। इस अटैक से बचने के लिए देश की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा एजेंसी सर्ट इन ने अलर्ट जारी किया है। एजेंसी ने हैकिंग और फिशिंग से सर्तक रहने के लिए एक क्रिटिकल अलर्ट भी जारी किया है। इसके अलावा सर्ट इन ने एक प्रेजेंटेशन जारी किया है जिसमें रेनसमवेयर से बचने के लिए उपाय बताए गए हैं। इसके अलावा इस वायरस की कैसे पहचान करें इसकी भी जानकारी दी गई है।
रैनसमवेयर से सिर्फ विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को खतरा है अगर सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं किया गया हो। मेल खोलते या बंद करते वक्त लापरवाही बरतने पर भी रैनसमवेयर से खतरा मुमकिन है। माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस एक्सटेंशन फाइलें, एक देश तक सीमित ऑफिस फॉरमेट, आर्काइव और मीडिया फाइलों को भी रैनसमवेयर से खतरे की आशंका है।
डाटाबेस फाइलों, डेवलपरों की सोर्स और प्रोजेक्ट फाइल को रैनसमवेयर से खतरा हो सकता है। इनक्रीप्शन की और सर्टिफिकेट को रैनसेमवेयर से खतरा हो सकता है। ग्राफिक्स डिजाइनर, कलाकार और फोटोग्राफरों की फाइलों को रैनसेमवेयर के खतरा मुमकिन है। वर्चुअल मशीन फाइलों को भी खतरा हो सकता है।
रैनसमवेयर के खतरे से बचने के लिए तुरंत अपनी फाइलों का बैकअप लें और संदिग्ध ई-मेल्स से सावधान रहें। साथ ही वेबसाइट्स और एप्स से सावधान रहें। कंप्यूटर में एंटीवाइरस का इस्तेमाल करें और अपना कंप्यूटर अपडेट रखें। सबसे अहम ये कि हैक होने के बाद कभी फिरौती ना दें।