डी.डी.न्यूज़ के वरिष्ठ संवाददाता, एंकर अशोक श्रीवास्तव द्वारा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर महंत आदित्यनाथ योगी के आरूढ़ होने पर निर्माण हो रहे वातावरण पर अपनी चुटकी ली । पेश है अशोक श्रीवास्तव की बेबाक कलम से..
आज योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने पर नाखुशी जताने का दिन है । कल शाम से यही ट्रेंडिंग चल रही है । इसलिए मैंने भी नाखुशी जताने का निर्णय लिया है । मैं इस फैसले से खुश नहीं हूँ । क्योंकि सबने ऐसा कहते हुए अपने अपने कारण भी जताए हैं, गिनाये हैं । इसलिए कुछ तो मुझे भी कहना है । मैं इसलिए नाखुश हूँ क्योंकि मथुरा से जीते श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ नाथ सिंह मेरे मित्र हैं , ये बन जाते मुख्यमंत्री तो मुझे ज़्यादा ख़ुशी होती । यकीन मानिये नाखुश होने का इससे बड़ा और इसके अलावा मेरे पास कोई दूसरा कारण नहीं है ।
पर मेरे मीडियाकर्मी मित्रों के पास बहुत सारे कारण हैं, नाखुश होने के, नाराज़गी जताने के और बाकायदा छाती पीटने के । ये वो जीनियस रुदाली ब्रीड है जिसके पास स्यापा करने का हमेशा ही कोई न कोई कारण रहता ही है और स्यापा करने की इनकी निष्ठा को देखते हुए किस्मत और देश की जनता 2014 के बाद से इन रुदालियों पर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान है । 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही इनका छाती पीटने का राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू हुआ था, जो आज तक जारी है । यहाँ तक की छाती पीटने की इनकी प्रतिभा को देखते हुए अमेरिका की जनता ने भी राष्ट्रपति चुनावों में ट्रम्प को जीता कर इन रुदालियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाती पीटने का एक सुनहरा मौका दिया ।
अब आज देखिये ये क्यों और क्या कहते हुए रो रहे हैं -अंग्रेजी की देश की सबसे बड़ी सेलिब्रिटी महिला पत्रकार को दुःख है कि फ्रिंज एलिमेंट अब उत्तर प्रदेश की मुख्यधारा हो गया, देश की मुख्यधारा हो गया । वाह भाई वाह! इस देश में लम्पट कौन है, इसका सर्टिफिकेट देने का ठेका आपको किसने दिया ? टू जी के घोटालेबाज़ ए राजा ने ? या फिर कश्मीरी अलगाववादियों ने ?
मैं मानता हूँ कि ” यू पी में अगर रहना है तो योगी..योगी कहना होगा ” ऐसे नारे लगाना बिलकुल गलत है और ऐसे नारे लगाने वाले आज कुछ ज़्यादा ही जोश में थे और उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने एक बड़ी चुनौती अपने इन समर्थकों को नियंत्रण में रखने की होगी । लेकिन जिन लोगों को संसद पर आतंकी हमला करवाने वाले अफ़ज़ल गुरु का ” शहादत दिवस ” मनाने वाला कन्हैया कुमार हीरो लगता है, जिन लोगों को जेएनयू में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह’ का नारा लगाने वाले निर्दोष और भोले छात्र लगते हैं , जिन लोगों को अंतरराष्ट्रीय आतंकी और हज़ारों निर्दोष लोगो के हत्यारे हाफ़िज़ सईद का चेला बुरहान वाणी सोशल मीडिया का क्रांतिकारी लगता है, उन्हें क्या हक़ है – जय श्रीराम और ” यू पी में अगर रहना है तो योगी..योगी कहना होगा ” का नारा लगाने वालों को फ्रिंज एलिमेंट कहने का ?
5 बार से लगातार चुनाव जीतने वाले सांसद को ” फ्रिंज एलिमेंट ” आप कैसे कह सकते हैं ? अगर योगी आदित्यनाथ फ्रिंज एलिमेंट हैं तो बलात्कार को “लड़कों की गलती” की संज्ञा देने वाले मुलायम सिंह क्या हैं ? महिला वकीलों को जज की कुर्सी तक ‘ब्लो’ करवाने वाले अभिषेक मनु सिंघवी क्या हैं ? महिला नेता को ‘टंच माल’ कहने वाले और मुम्बई आतंकी हमले पर पाकिस्तान को “बेक़सूर” होने का सर्टिफिकेट बांटने वाले दिग्विजय सिंह क्या हैं ? मैं मानता हूँ कि मायावती के लिए अपशब्द कहने वाले भाजपा नेता दयाशंकर सिंह फ्रिंज एलिमेंट हैं,लेकिन दयाशंकर की पत्नी और बेटी को पेश करने का हुकुम देने वाली मायावती और उनका कुनबा क्या है ?
कुछ और रुदालियाँ हैं जिन्हें लगता है कि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने से उत्तर प्रदेश का विकास अवरुद्ध हो गया । मज़े की बात ये है कि ऐसा रोना रोने वाले अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि दिल्ली में रहते हैं । मैं कभी गोरखपुर नहीं गया , पर जो व्यक्ति 5 बार लगातार चुनाव जीता हो , विपरीत राजनीतिक हवाओं में भी चुनाव जीता हो, उसमें कुछ तो बात होगी । तो बजाय इतना रोना रोने के कुछ दिन शांति से बैठ जाएँ…इंतज़ार करें और देखें कि ये योगी क्या करता है । किसी भी नेता को चुने जाने पर कुछ वक़्त तो देना ही चाहिए उसे । अगर योगी फ़ैल हुए तो 2 साल बाद लोकसभा चुनावों मेँ उत्तर प्रदेश की जनता उन्हें और भाजपा को सबक सिखा ही देगी । और ऐसा हुआ तो रुदालियों के अच्छे दिन आ जायेंगें । छाती पीटने के इस काम से उन्हें मुक्ति मिल जाएगी ।
पर मुझे ज़्यादा तरस उन रुदालियों पर आ रहा है जो अब उत्तर प्रदेश मेँ दंगे होने की भविष्यवाणियां कर रही हैं । देश मेँ मुसलमानों को भयाक्रांत करने और दंगों की आग पर राजनीतिक और अपनी पत्रकारिता की रोटी सेंकने वाली एक बड़ी जमात है नेताओं की और पत्रकारों- बुद्धिजीवियों की । तीन साल पहले इन्होंने मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर देश मेँ दंगे होंगे ,मुसलामानों को मार दिया जाएगा ऐसा ऐलान कर दिया था । पर इनके हाथ जो कुछ न लगा । अख़लाक़ लगा..मुजफ्फरनगर और कैराना लगे..पर दुर्भाग्य से सब उत्तर प्रदेश मेँ ‘विकास पुरुष’ के राज मेँ । बाकी सब जगह इन्हें निराश हाथ लगी । अब अगर मुस्लिम भयाक्रांत नहीं हुआ, दंगे नहीं हुए तो इनकी तो दुकानदारी बंद ही समझों ।
अंत मेँ इतना ही कहूंगा- बीते दस साल मेँ मायावती हो या अखिलेश इन्होंने उत्तर प्रदेश को निचोड़ डाला है । भ्रष्टाचार का आलम ये है कि मायावती के खजाने भरते ही गए हैं, उनके राजसी ठाठ ऐसे थे कि एक मुम्बई से एक सैंडल लाने के लिए लखनऊ से मुम्बई चार्टेड विमान भेज जाता था । और समाजवादियों के राज मेँ अकेले नॉएडा से रोज़ ट्रक भर कर रुपया लखनऊ भेजा जाता था । गरीब जनता की कमाई को इस तरह अपनी जेबों मेँ भरने वाले भोगियों से योगी भले !