इंफाल (तेज समाचार प्रतिनिधि) मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद भी कांग्रेस मणिपुर में सरकार बनाने में नाकामयाब रही. वहीं भाजपा के बीरेन सिंह सरकार ने 15 मार्च को मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित करते हुए कांग्रेस को एक बार फिर चारों खाने चित कर दिया है. मणिपुर में पहली बार भाजपा की अगुवाई में सरकार का गठन हुआ है.
दरअसल, बीजेपी ने 11 मार्च को नतीजे आने के बाद अगले दिन ही सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था, जबकि वह राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी थी. मणिपुर की 60 सदस्यों वाली विधानसभा में दोनों ही प्रमुख पार्टियां 31 सीटों का जादुई आंकड़ा पार करने में नाकाम रहीं हैं. बीजेपी एनपीपी के 4, एनपीएफ के 4, लोक जनशक्ति पार्टी के 1, तृणमूल कांग्रेस के 1 विधायक का समर्थन होने का दावा कर रही है. इसके अलावा एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया है.
यूएनसी की आर्थिक नाकेबंदी खत्म
इस बीच आपको बता दें कि इस बीच मणिपुर में पांच महीने से जारी यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) की आर्थिक नाकेबंदी समाप्त हो गई. नगा काउंसिल की केंद्र सरकार और राज्य सरकार से बातचीत के बाद यह ऐलान किया गया. सेनापति जिला मुख्यालय में वार्ता के बाद जारी एक ज्वॉइंट स्टेटमेंट में कहा गया है.