मुंबई (तेज़ समाचार प्रतिनिधि):पिछले 6 दिनों से महाराष्ट्र-मध्य में चल रहा किसानो का आंदोलन उग्र होता जा रहा है। प्रदर्शनकारी किसान और पुलिस के बीच झड़़पें भी हुई हैं। आगजनी और पत्थरबाज़ी की घटनाओं की भी ख़बरें हैं।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसानों का ‘आक्रोश‘
मध्य प्रदेश में भी किसानों का आंदोलन हिंसक हो गया है। नीमच में किसानों का आंदोलन उग्र हो गया है। बड़ी संख्या में किसानों ने चक्का जाम किया। पुलिस ने हटाने की कोशिश की तो किसानों ने पुलिस पर ही पत्थरबाजी की जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। पत्थरबाज़ी में कुछ पुलिसवाले भी जख्मी हो गए। रतलाम में किसानों ने गाड़ियों को आग लगा दी। पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठीचार्ज किया और और किसानों को हिरासत में लिया।
हड़ताल की वजह से अब तक पूरे महाराष्ट्र में 10 लाख लीटर दूध के नुकसान का अनुमान है। किसानों के समर्थन में अब मुंबई के डब्बावाले भी आ गए हैं। किसानों ने पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया है और साथ ही सरकारी दफ्तरों में ताला लगाओ अभियान शुरू करने की घोषणा की है। किसानों के उग्र प्रदर्शन के चलते मुंबई में कई सब्जी विक्रेताओं के ट्रक रास्ते में ही अटक गए हैं और वो मुंबई नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे मायानगरी में सब्जी और फलों की कीमतों पर ज़बरदस्त असर पड़ा है।
नासिक में किसानों ने सड़क पर भजन कीर्तन और गरबा किया गया। पुणे में जबरन दुकानें बंद कराने को लेकर कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। किसानों ने नागपुर, नासिक, लातूर, कोल्हापुर और जलगांव में जमकर प्रदर्शन किया। लातूर में हज़ारों लीटर दूध सड़क पर बहाया गया। नागपुर में कई जगह सब्जियां सड़क पर फेंककर विरोध जताया गया। जलगांव में किसान नेताओं ने विरोध प्रदर्शन से पहले जबरदस्ती दुकाने बंद करवायीं। शिवसेना के नेता भी किसानों के साथ आंदोलन में शामिल हुए। उधर महाराष्ट्र में किसानों के इस उग्र होते प्रदर्शन को लेकर सरकार ने विपक्ष पर सियासत करने का आरोप लगाया है।