नई दिल्ली ( तेजसमाचार संवाददाता ) – तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई.पलानिस्वामी द्वारा आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने छह हफ्ते से चल रहे प्रदर्शन को समाप्त करने की घोषणा कर दी है। किसानों ने इस प्रदर्शन को केवल 15 दिनों के लिए स्थगित किया है। अगर उनकी मांगे इन 15 दिनों में सरकार ने नहीं मानी तो किसान फिर से अपना प्रदर्शन शुरू कर देंगे। दिल्ली के जंतर-मंतर पर तमिलनाडु के किसान कर्ज माफी को लेकर के प्रदर्शन कर रहे थे।
इन किसानों से मिलने रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे। उन्होंने किसानों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की। साथ ही कहा कि किसानों की जो मांग है, उसे प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे। वहीं आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार तत्काल लोन माफ करें।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनके राज्य में पानी की किल्लत को अगर सरकार दूर नहीं करती है, तो वे अपना मूत्र पीकर इसका विरोध करेंगे। इससे पहले मरे किसानों की खोपड़ियों के साथ ही मुंह मे जिंदा चूहे और मरे सांपों को लेकर किसान पीएम से मिलने गए थे, लेकिन पीएम के मौजूद न रहने पर किसानों ने नग्न प्रदर्शन शुरु कर दिया था।
किसानों ने मांग रखी कि जिस तरीके से यूपी की योगी सरकार ने यहां के किसानों का लोन माफ कर दिया, वैसे ही तमिलनाडु के किसानों का भी लोन माफ किया जाए। कर्ज माफी के लिए 14 मार्च से जंतर-मंतर पर सूखा प्रभावित किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को किसानों जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन बेहद आक्रामक बना दिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने कांच की बोतलों और बाल्टी में मानव मूत्र भरकर प्रदर्शन किया।
किसानों की अगुवाई करने वाले अय्याकन्नू ने बताया कि तमिलनाडु में एक दशक से सूखा पड़ रहा है। पिछले एक साल में सूखे का प्रभाव बेहद ज्यादा रहा है। ऐसा सूखा 150 साल पहले पड़ा था। इसके चलते किसान कर्ज में डूबे हैं और आत्महत्या कर रहे हैं। एक साल की अवधि में करीब 400 किसानों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड बनाने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।