मुंबई- मुंबई में 1993 में हुए क्रमवार बम विस्फोटों में फाँसी की सज़ा पाने वाले याकूब अब्दुल रजाक मेमन ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा ख़टखटाते हुए उसे आगामी 30 जुलाई को दी जाने वाली सजा को रोकने की अपील की है. याकूब मेनन ने अपनी याचिका में कहा है कि अभी सभी कानूनी रास्ते बंद नहीं हुए हैं और उसने महाराष्ट्र के राज्यपाल को भी दया याचिका भेजी है। विदित हो की याकूब मेमन ने उच्चतम न्यायालय द्वारा गत मंगलवार को उसकी उपचारात्मक याचिका खारिज कर दिए जाने के तत्काल बाद राज्यपाल को दया याचिका भेज दी थी। याकूब ने याचिका में कहा है कि उसे फांसी नहीं दी जा सकती क्योंकि टाडा कोर्ट का डेथ वारंट गैर-कानूनी है। विगत 9 अप्रैल को याकूब की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद डेथ वारंट जारी किया गया जबकि क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में लंबित थी। इसके लिए 27 मई 2015 के सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला दिया गया है।