नई दिल्ली:पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत के डेरा मुखी पर निर्णय को लेकर डेरा प्रेमियों ने 16 अगस्त को ही सिरसा डेरा में गुप्त बैठक कर पेट्रोल बमों से हमला करने की साजिश रची थी।
एएसपी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पेट्रोल बम फेंकने के राउंडअप किए गए आरोपी सेतिया फार्म निवासी हिमांशु चराया ने पूछताछ में बताया है कि सिरसा में सभी ब्लॉक के मुखिया को बुलाया हुआ था। यहां से पुरानी आबादी टावर के पास निवासी राजकुमार अरोड़ा सहित अन्य भंगीदास भी गए हुए थे। इनको सिरसा में डेरा प्रबंधकों ने निर्देश दिए थे कि अगर कोर्ट गुरमीत राम रहीम इंसा को सजा सुनाई जाए तो आपको फोन पर कोड 4250 कर दो बोला जाएगा।
कोड बताने के बाद ,उन्हें श्रीगंगानगर के सभी न्यायालयों, सरकारी कार्यालयों एवं बसों को पेट्रोल बम फेंक कर वारदात करनी होगी। डेरा प्रमुख के बरी होने पर 1650 कोड फोन पर बताया जाना था। इस कोड के बाद डेरा प्रेमियों ने शहर में मार्च निकाल एक-दूसरे को बधाइयां बांटकर खुशी जतानी थी। वहीँ 21 अगस्त को भी श्रीगंगानगर शहर के पुरानी अाबादी एरिया में ही एक मकान में दोबारा ब्लॉक भंगीदास राजकुमार की अध्यक्षता में बैठक कर तैयारियां की गईं। 24 अगस्त को ही मोटरसाइकिलों की टंकियों में पेट्रोल भरवाया गया। साइकिल की ट्यूब इकट्ठी कर मोटरसाइकिलों की टंकी से पेट्रोल निकालकर ट्यूबों में भरकर पेट्रोल बम तैयार किए गए।
इसके साथ ही टीमें तैयारी की गई थीं, लेकिन 25 अगस्त को कोर्ट परिसर रोड पर भारी पुलिस जाब्ते के कारण आरोपियों की हिम्मत नहीं हुई। इसके बाद सरकारी कार्यालयों और बोलेरो को पेट्रोल बम से जलाया गया।
श्रीगंगानगर में तीन जगहों पर सरकारी दफ्तरों में आगजनी करने वाले डेरा प्रेमी जसप्रीत के पकड़े जाने के बाद उन्होंने बताया कि उन्हें सिरसा से निर्देश मिले थे कि बाबा को सजा होने के बाद सरकारी दफ्तरों में आग लगानी है, जिसके बाद उन्होंने शहर के पुराणी आबादी एरिया में बने श्रम विभाग में पेट्रोल बम से आग लगाई थी। वही डेरा समर्थक विनीत रबर ने स्वीकार किया कि उन्होंने बाइक से पेट्रोल निकालकर सरकारी दफ्तरों में आग लगाई।