नई दिल्ली ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) – राष्ट्रपति के तौर पर प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल का रविवार को अंतिम दिन है। रविवार को सभी सांसद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विदाई देंगे। संसद भवन के सेंट्रल हॉल में प्रणब मुखर्जी के लिए फेयरवेल समारोह का आयोजन किया गया है, जहां दोनों सदन राज्यसभा और लोकसभा के सांसद मौजूद रहेंगे ।
शनिवार की रात पीएम मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में रात्रिभोज का भी आयोजन किया था। प्रणब मुखर्जी का आधिकारिक कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होगा। 25 जुलाई को नए चुने हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद और गोपनीयता की शपथ लेते हुए पदभार संभालेंगे ।
प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुआ था, वहीं से उन्होंने अपनी राजनीति की भी शुरूआत की थी। यूपीए सरकार में उन्होंने वित्त मंत्रालय से लेकर रक्षा मंत्रालय जैसे अहम पदों को भी संभाला। इंदिरा गांधी के समय में कांग्रेस से अपने राजनीति की शुरुआत करने वाले प्रणब मुखर्जी का बतौर राष्ट्रपति कार्यकाल बेहद शानदार रहा। इस दौरान मुखर्जी का एक भी विवाद से नाम नहीं जुड़ा। तीन साल मोदी सरकार के साथ काम करने के बावजूद भी कभी केंद्र सरकार और राष्ट्रपति के बीच उन्होंने टकराहट की स्थिति पैदा होने नहीं दी जो निश्चित तौर पर उनके लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।
राष्ट्रपति पद पर बने रहने के दौरान प्रणब मुखर्जी ने अलग हटकर काम किया। उन्होंने राष्ट्रपति या राज्यपाल के नाम के आगे महामहिम शब्द के इस्तेमाल को हटा दिया। इसके साथ ही राष्ट्रपति भवन परिसर में बने स्कूल में उन्होंने बच्चों को भी पढ़ाया। शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रणब मुखर्जी दिल्ली के महाविद्यालय , स्कुल में पढ़ाने भी जाते थे.