अनंतपुर- किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों के सामने आने वाली समस्याओं को उठाने के लिए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपनी 10 किलोमीटर लंबी ‘पदयात्रा’ की शुरूआत की। इससे पहले कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना और राजस्थान जैसे राज्यों में ऐसे ही दौरे और पदयात्राओं के जरिए किसानों तक संपर्क किया है । राहुल गाँधी ने यहां अपनी पदयात्रा की शुरुआत ओबलादेवरा चेरूवू गांव से मामिलाकुंतापल्ली तक की तीन किलोमीटर तक की दूरी के लिए की। मामिलाकुंतापल्ली में वह किसानों, बुनकरों और छात्रों से बातचीत करेंगे। राहुल ने अपनी पदयात्रा की शुरुआत एक ऐसे गांव से की, जहां इंदिरा गांधी ने वर्ष 1979 में एक बैठक को संबोधित किया था। अपनी यात्रा के दौरान राहुल जिले के तीन गांवों में किसानों, मनरेगा कर्मियों और महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत करेंगे। आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष एन रघुवीर रेड्डी ने गुरुवार को कहा था, ‘‘वह 10 किलोमीटर तक चलेंगे। इस दौरान छात्रों, किसानों और महिला स्वयं सहायता समूह के साथ तीन से चार संवाद होंगे।’’ राहुल की पदयात्रा के दूसरे चरण के तहत मामिलाकुंतापल्ली से देबुरावरिपल्ली कुल पांच किलोमीटर तक की यात्रा की जाएगी। इसके बाद वह महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत करेंगे और देबुरावरिपल्ली के मकानों का दौरा करेंगे। राहुल की पदयात्रा के तीसरे भाग में देबुरावरिपल्ली से कोंडकमार्ला (दो किलोमीटर) तक की यात्रा की जाएगी। वहां वह मनरेगा के कर्मियों और प्रवासी मजदूरों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष पुट्टापार्थी जाएंगे और वहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत करने के अलावा लोगों की बात भी सुनेंगे। वह श्री सत्य साईं बाबा की ‘महा समाधि’ भी जाएंगे। आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद राज्य में यह राहुल गांधी की पहली यात्रा है। वर्ष 2014 में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली शिकस्त के बाद राहुल की इस यात्रा को राज्य में पार्टी का आधार मजबूत करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। राज्य में सत्तारुढ़ तेदेपा और विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस ने गुरुवार को राहुल पर निशाना साधते हुए आंध्र प्रदेश के विभाजन का जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराया और इसे सीमांध्र के लिए ‘‘भारी अन्याय’’ बताया।