पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि). उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगाए गए पोस्टर व होर्डिंग की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं. इस होर्डिंग में दिख रहे पुणे के एक मौलाना ने आरोप लगाया है कि उनसे बगैर पूछे उनके फोटो का इस्तेमाल किया गया है. इस मामले में उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे जिÞले के पुलिस कमिश्नर के पास अपनी लिखित शिकायत दर्ज कराई है. यह होर्डिंग सोशल मीडिया में जाते ही पूरे देश में वायरल हो रहा है.
इस होर्डिंग पर नारा लिखा गया है, ‘हो जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण, मुस्लिमों का यही अरमान.’ यह होर्डिंग लखनऊ विधान सभा भवन के सामने वहां के स्थानीय नेता कुवंर इक़बाल हैदर की अगुवाई में लगाया गया है. इस बैनर में प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ का भी फोटो लगाया गया है. इसी होर्डिंग में पुणे के मौलाना डॉ. शबीह अहसन काजमी की भी तस्वीर है. जिसे लेकर मौलाना शबीह ने गुरुवार के दिन पुणे शहर के कमिश्नर को एक लिखित शिकायत दी है. इस शिकायत में उन्होंने कहा है कि, यूपी में राम मंदिर के समर्थन में लगाए गए इस होर्डिंग से मेरा कोई संबंध नहीं है. मेरा फोटो लगाने से पहले मुझसे किसी ने भी अनुमति नहीं ली गई है और न ही मैं इस सन्दर्भ में कुछ जानता हूं. इस होर्डिंग की वजह से मैं मानसिक रूप से परेशान हुआ हूं. इसलिए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. मौलाना शबीह ने मीडिया को जारी अपने बयान में कहा है कि, यह मेरी शख्सियत को बदनाम करने की साजिश है. इस होर्डिंग और इस नारे से मेरा कोई रिश्ता नहीं है. आगे उन्होंने यह भी कहा कि, मैं पुणे में रहता हूं और होर्डिंग हजारों किलोमीटर दूर लखनऊ में लगाया गया है. बाबरी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. अब अयोध्या में मंदिर बनेगा या मस्जिद, यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ही करेगी. सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देना मैं उस फैसले का पूरा सम्मान करूंगा और उसी को मानुंगा. इस मामले में बोलने का मैं कोई अधिकार नहीं रखता हूं. मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं. मेरा काम मुहब्बत का पैगाम देना है. इस पोस्टर से मुझे काफी तकलीफ हुई है.
वे बताते हैं कि, यह पोस्टर को देखते ही मालूम होता है कि ये कुंवर इकबाल हैदर नाम के किसी व्यक्ति ने लगाया है, जिसे मैं जानता ही नहीं. मेरा उससे कोई संबंध नहीं है और न ही कभी कोई राब्ता रहा है. फिलहाल मैंने पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज करा दी है. मौलाना काज़मी ने बताया कि होर्डिंग में लगे सभी फोटो में वे सिर्फ एक शख्स जफरूल को जानते है. बाकी के लोगों से न वे मिले है न जानते है. उन्होंने कहा कि वह इस राजनीति से भी दूर है. उनका भाजपा से कोई लेना देना नही है, हांलाकि वे पुणे में कांग्रेस से जुड़े हुए जरूर है लेकिन इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कभी भी किसी से बातचीत नहीं की.
बताते चले कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थन में पूरे शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले सलाह दी थी कि इस विवाद का निपटारा आपसी रजामंदी से हो तो बेहतर है. इसके बाद ये पोस्टर देखने को मिले हैं.