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‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’- आजादी को जीने वाली चार महिलाओं की कहानी

Tez Samachar by Tez Samachar
July 23, 2017
in Featured, मनोरंजन
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‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’- आजादी को जीने वाली चार महिलाओं की कहानी

नई दिल्ली ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि  ) – इन दिनों बॉलीवुड में महिला प्रधान फिल्मों का बोलबाला है। अब इंडस्ट्री में अभिनेत्रियां अपने शानदार अभिनय की बदौलत फिल्मों को सुपरहिट कराने का दमखम रखती हैं। सेंसर बोर्ड की चौखट पर लंबे समय तक सर्टिफिकेट का इंतजार करने वाली विवादों से घिरी फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ विगत  21 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। विवादों में रही फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्क़ा’ हमारे समाज में महिलाओं की आजादी को जकड़ने वाली बेड़ियों पर किस हद तक वार करती है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहली बार फिल्म देखने के बाद सेंसर बोर्ड ने इसे सेंसर सर्टिफिकेट देने से ही इनकार कर दिया था। ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ हमारे समाज की दकियानूसी सोच को दरकिनार कर सच में आजादी को जीने वाली चार महिलाओं की कहानी है। ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ अलग-अलग उम्र की चार ऐसी महिलाओं की कहानी है, जो अपने हिसाब से अपनी जिंदगी जीने में यकीन रखती हैं। कोंकणा सेन शर्मा,रत्ना पाठक शाह, आहना कुमरा, पल्बिता बोरठाकुर ने इसमें अहम भूमिका निभाई है।

फिल्म की अभिनेत्री प्लबिता बोलठाकुर का एक डायलॉग कि ‘आखिर आप हमारी आजादी से क्यों डरते हैं।’ कहानी का सारा सार बयां कर देती है। उनका यह डायलॉग मानो पुरुष प्रधान मानसिकता पर करारा प्रहार हो। फिल्म के एक सीन में एक लड़की कहती है, ‘हमारी गलती यह है कि हम सपने बहुत देखते हैं।’ दरअसल, यह फिल्म लड़कियों और महिलाओं को उन सपनों को हकीकत में तब्दील करने का हौसला देती है, फिर नतीजा कुछ भी हो। डायरेक्टर अलंकृता श्रीवास्तव ने इस बार फिल्म में समाज की हर औरत का दुख एक कहानी के जरिए बयां किया है, जो फिर चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाली हो, चाहे कुवांरी हो, शादीशुदा हो या फिर उम्रदराज।

डायरेक्टर प्रकाश झा के साथ उनकी कई फिल्मों में सह डायरेक्टर रह चुकी अलंकृता श्रीवास्तव इसमें बताया है कि कैसे कोई महिला जींस पहनने की लड़ाई लड़ रही है, कोई पति द्वारा सेक्स मशीन बनाने पर अपने पैरों पर खड़ी होने की जद्दोजहद कर रही है। कोई अपनी मर्जी से सेक्स लाइफ जीने आजादी चाहती है, तो कोई उम्रदराज होने पर भी अपने सपनों के राजकुमार को तलाश रही है। वैसे, अलंकृता ने हर उम्र की महिलाओं के लिए फिल्म के किरदारों से खुद को कनेक्ट करने की खूब गुजाइंश रखी है।

विभिन प्रकाशनों ने ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्क़ा’ के बारे में लिखा –

फिल्मी बीट –फिल्मी बीट ने इस फिल्म की अच्छी सिक्रप्ट और महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई इस फिल्म के लिए 5 में से 3.5 स्टार दिए हैं। फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा,रत्ना पाठक शाह, आहना कुमरा, पल्बिता बोरठाकुर ने ​इसमें बखूबी अभिनय किया है। इसके दमदार अभिनय के लिए आलोचकों से लेकर समीक्षकों तक ने इनकी काफी तरीफें की हैं।

दैनिक जागरण- फिल्म में किरदारों के ​बखूबी फिल्मांकन और बड़ी ही खूबी के साथ इसे पर्दे पर उकेरने की कला के कारण जागरण ने इस फिल्म को ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ को 5 में से 3.5 स्टार दिए हैं। फिल्म को समीक्षकों ने सराहते हुए कहा है कि जहांं एक ओर महिलाएं समाज के डर से घुटनभरी जिंदगी जीने को मजबूर हो जाती हैं, वहीं इन महिलाओं ने किसी की भी परवाह न करते हुए, जिंदगी जीने के मायने सिखाए हैं। ?

नवभारत टाईम्स – नवभारत टाईम्स के मुताबिक ये चारों महिलाएं अपनी फैंटसी को सच होते हुए देखना चाहती हैं। ऐसे में उसे पूरा करने के लिए समाज संकीर्ण मानसिकता की सभी बेड़ियां तोड़ती हुई नजर आई ​हैं। फिल्म के एक सीन में एक लड़की कहती है, ‘हमारी गलती यह है कि हम सपने बहुत देखते हैं।’ इस ग्रुप ने लड़कियों और महिलाओं को उनके सपनों को हकीकत में तब्दील करने के हौंसले के कारण 5 में से 4 स्टार दिए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस- इंडियन एक्प्रेस ने महिला प्रधान फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ को 5 में से 3 स्टार देते हुए सभी स्टार कास्ट के अभिनय को काफी सराहा है। इस फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा,रत्ना पाठक शाह, आहना कुमरा, पल्बिता बोरठाकुर, सुशांत सिंह, वैभव तत्ववादी, विक्रांत मेसी, शशांक अरोड़ा अहम भूमिका में हैं। डायरेक्टर अलंकृता श्रीवास्तव ने बेहद जोरदार अंदाज में महिलाओं की समस्याओं को पर्दे पर उतारा है और फिल्म में समाज की कड़वी सच्चाई से रूबरू कराया है।

Tags: 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का'अलंकृता श्रीवास्तवकोंकणा सेन शर्मारत्ना पाठक शाह
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