विपक्ष हुआ लामबंद
तेज समाचार प्रतिनिधि
पुणे. समान जलापूर्ति योजना के तहत पानी की टंकियों के निर्माण का जो काम चल रहा था, उस पर राज्य सरकार की ओर से स्टे लगा दिया गया है. यह मामला अब अलग-अलग मोड़ ले रहा है. सरकार ने स्टे लगाने के बाद अब पालिका की विपक्ष पार्टियां भी सख्त हो गयी है. कांग्रेस, शिवसेना व एनसीपी की ओर से मांग की गयी है कि इस मामले की जांच मनपा आयुक्त नहीं बल्कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश के माध्यम से होनी चाहिए.
– विधिमंडल में उठी थी मांग
समान जलापूर्ति योजना के तहत शहर में पानी की 103 टंकियां बनाना नियोजित है. इसके लिए प्रशासन की ओर से टेंडर प्रक्रिया जारी की गयी थी. इस प्रक्रिया को स्थायी समिति ने भी मंजूरी दे दी थी. लेकिन इस प्रक्रिया पर विधिमंडल में सवाल उठाए गए व इस प्रक्रिया की सीआईडी जांच कराने की मांग की गयी थी. सरकार ने इस प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया था. इसको लेकर राज्य सरकार में सुगबुगाहट के बाद स्थायी समिति की ओर से प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि इस टेंडर प्रक्रिया व एल एण्ड टी कंपनी की जांच कराएं. साथ ही इससे संबंधित सलाहकार पर उचित कार्रवाई करें. एक तरफ यह स्थिति है, तो दूसरी तरफ प्रक्रिया पर स्टे लगाने के कोई लिखित निर्देश मनपा को प्राप्त नहीं हुए थे. इस वजह से इस प्रक्रिया की कोई जांच नहीं हो रही थी. साथ ही कंपनी द्वारा टंकियों के जीओ सर्वे का काम जारी रखा गया था. अब हाल ही में महापालिका प्रशासन को इससे संबंधित लिखित निर्देश प्राप्त हो गए है. इसके अनुसार अब इस योजना पर स्टे लगा दिया गया है. सरकार ने स्टे देने के बाद अब पालिका की विपक्षा पार्टियां भी सख्त हो गयी है. कांग्रेस, शिवसेना व एनसीपी की ओर से मांग की गयी है कि इस मामले की जांच मनपा आयुक्त नहीं बल्कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश के माध्यम से होनी चाहिए. इससे संबंधित पत्र भी शिवसेना की ओर से संजय भोसले व विपक्षी नेता चेतन तुपे ने महापौर को दिया है.
– टेंडर प्रक्रिया की रिपोर्ट दो दिन में : महापौर
इस बीच इसको लेकर जब नवनियुक्त महापौर मुक्ता तिलक से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सरकार ने स्टे देने के बाद पानी की टंकियों के निर्माण का काम पूरी तरह से रोक दिया है. इस काम के टेंडर प्रक्रिया को लेकर आरोप लगाए थे. इसकी जांच करने के निर्देश हमने आयुक्त को दे दिए है. आगामी दो दिन में इसकी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश हमने महापालिका आयुक्त को दे दिए है.