सीरिया. रविवार को सीरिया के अलेप्पो सिटी में शरणार्थियों की बस पर हुए सुसाइड ब्लास्ट हमले में घायल हुए एक बच्चे की जान बचाने के लिए एक फोटोग्राफर उसे गोद में लेकर दौड़ पड़ा. लेकिन इस फोटोग्राफर की यह कोशिश नाकाम हो गई. बच्चे ने कुछ ही देर में फोटोग्राफर की बाहों में ही दम तोड़ दिया. अपने हाथों में मृत बच्चे को देख यह फोटोग्राफर फफक कर रो पड़ा. ज्ञात हो कि रविवार को IS आतंकियों द्वारा सुसाइड बॉम्बर द्वारा किए गए हमले में 80 बच्चों सहित 120 लोगों की दर्दनाक मौता हो गई थी.
अलेप्पो के कुछ इलाकों में अब भी IS आतंकियों का कब्जा है. राशिदिन इलाके से रविवार को शरणार्थियों को लेकर आ रहे बसों का काफिला इस इलाके में कुछ देर के लिए रुका था. एक सुसाइड बॉम्बर ने बच्चों को चिप्स के पैकेट्स का लालच देकर अपनी तरफ बुलाया. जैसे ही सैकड़ों बच्चे इस टेररिस्ट के पास पहुंचे, उसने ब्लास्ट कर दिया. इस हमले में 120 लोगों की जान गई. इनमें 80 बच्चे, 13 महिलाएं भी थीं.
ब्लास्ट के दौरान फोटोग्राफर्स की एक टीम यहां से गुजर रही थी. फोटोग्राफर और सोशल एक्टिविस्ट अब्द अल्काहर ने दो बच्चों को तड़पते देखा. एक बच्चे को उठाकर अब्द मदद के लिए दौड़े, लेकिन उसने बीच में ही दम तोड़ दिया. इसके बाद अब्द दूसरे बच्चे को उठाकर दौड़े, लेकिन उसकी भी जान नहीं बच सकी. ब्लास्ट में बच्चों की मौत से अब्द इतने दुखी हुए कि वहीं रोने लगे. यह सारा नजरा अब्द के दोस्त ने अपने कैमरे में कैद कर लिया था.
– उसने मेरा हाथ जोर से पकड़ रखा था : अब्द
घटना के बाद एक इंटरव्यू में अब्द ने कहा, यह ऐसा खौफनाक मंजर था, जिसे मैं कभी भुला नहीं सकता. वहां हर तरफ बच्चों की बॉडीज पड़ी थीं. सिर्फ दो बच्चे मुझे तड़पते नजर आए. मैं उनकी मदद के लिए दौड़ा, लेकिन तब तक एक बच्चे की मौत हो चुकी थी. मैंने दूसरे बच्चे को गोद में उठाया और उसकी मदद के लिए दौड़ा. बच्चा कुछ बोल नहीं पा रहा था. उसने मेरा हाथ जोर से पकड़ रखा था और टकटकी लगाए मुझे देख रहा था, लेकिन इसके एक मिनट बाद ही बच्चे की सांसें थम गईं. मैं उसकी जान नहीं बचा सका. इंटरव्यू के दौरान भी यह वाकया बयां करते हुए अब्द एक बार फिर रो पड़े.