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हिटलर से तुलना पर प्रेस सचिव को मांगनी पड़ी माफी

Tez Samachar by Tez Samachar
April 12, 2017
in दुनिया
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व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव शॉन स्पाइसर ने मंगलवार को सीरिया मसले पर अपनी उस असंवेदनशील टिप्पणी पर खेद जताया है, जिसमें उन्होंने हिटलर के भी कभी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने की बात कही थी. सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को देश में हुए रासायनिक हमले का जिम्मेदार बताते हुये शॉन स्पाइसर ने कहा था कि इस तरह के हमले तो नाजी नेता हिटलर ने भी नहीं किये थे. स्पाइसर के इस बयान की यहूदी समुदाय और राजनीतिक आलोचकों ने कड़ी निंदा की है. सीएनएन को दिये एक इंटरव्यू में स्पाइसर ने कहा, “मैं असद शासन की ओर से किये गये रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को गलत ठहराना चाहता था, लेकिन गलती से मैंने ऐसे जनसंहार पर बेहद ही अनुपयुक्त और असंवेदनशील टिप्पणी कर दी, जिसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती.” स्पाइसर ने उस टिप्पणी के लिये माफी मांगी.

दैनिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान स्पाइसर ने मीडिया से कहा था कि हिटलर ने भी कभी रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बारे में नहीं सोचा होगा. इस पर आलोचकों ने स्पाइसर की जमकर खिंचाई की और कहा कि ऐसी टिप्पणियां करते वक्त स्पाइसर यहूदियों के खिलाफ इस्तेमाल किये गये हिटलर के गैस चैंबरों को भूल गये थे. यह लगातार दूसरा मौका है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रेस सचिव अपने कहे शब्दों में उलझते नजर आये और वो भी तब जब व्हाइट हाउस के सामने विदेश नीति पर राष्ट्रपति के नजरिये को पेश करने की चुनौती भी है.

Königstraße 1936 (Stadtmuseum Berlin)

सीएनएन को दिये इस इंटरव्यू में स्पाइसर ने कहा कि उनकी टिप्पणियां राष्ट्रपति ट्रंप के नजरिये को बयां नहीं करती हैं. डेमोक्रेट और यहूदी संगठनों ने स्पाइसर द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा की है. कैलिफोर्निया की डेमोक्रेटिक नेता नैन्सी पेलोसी ने कहा है कि स्पाइसर एक भयावह जनसंहार को कम कर के आंक रहे हैं.
न्यूयॉर्क के ऐन फ्रैंक सेंटर फॉर म्युचुअल रिस्पेक्ट ने इस मसले पर राष्ट्रपति ट्रंप से भी बात की है. एक यहूदी रिपब्लिकन ली जेलडिन ने कहा कि “जहां तक वर्तमान वक्त की द्वितीय विश्व युद्ध के साथ तुलना करने की बात है, आप उसे थोड़े अलग ढंग से कर सकते हैं. लेकिन यह जानना अहम है कि हिटलर ने मासूम लोगों को मारने के लिये रसायनिक तरीकों का इस्तेमाल किया था.”

वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने प्रेस को संबोधित करते हुये कहा कि सीरिया में अमेरिका की शीर्ष प्राथमिकता अब भी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट से लड़ते रहने की है. उन्होंने कहा कि बीते गुरुवार सीरिया में की गई अमेरिकी कार्रवाई, विद्रोहियों द्वारा किये गये रासायनिक हमले का जवाब था. मैटिस ने कहा कि रासायनिक हमले के बारे में प्राप्त खुफिया जानकारी की पड़ताल की गई है जिससे साफ है कि सीरियाई शासन ही इसके लिये जिम्मेदार है. मैटिस ने साफ कहा कि अगर सीरिया रासायनिक हथियारों का दोबारा इस्तेमाल करता है तो उसे ‘‘बहुत भारी कीमत” चुकानी पड़ेगी. रूस के आरोपों के बावजूद मैटिस ने सीरिया में किये गये अमेरिकी हमले का समर्थन किया. रूस का आरोप है कि अमेरिकी प्रशासन, सीरिया पर की गई कार्रवाई का बचाव करने के लिये कहानी बना रहा है. प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 1920 के दशक में जर्मनी की हालत बेहद खराब थी. दो वक्त का खाना जुटाना तक बड़ी चुनौती थी. देश को राजनीतिक स्थिरता की जरूरत थी. 1926 के चुनाव में हिटलर की पार्टी को सिर्फ 2.6 फीसदी वोट मिले. लेकिन सितंबर 1930 में हुए अगले चुनावों में उसकी पार्टी (NSDAP) को 18.3 फीसदी वोट मिले. लेकिन कैसे?

साभार एए/आरपी (डीपीए,एपी,एएफपी)

Tags: hitlarwhite house
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