अकोला (अवेस सिद्दीकी): शहर मे इस समय ज बजा कुडे के अंबर देखे जासकते है नगर निगम नालों एवं कचरा सफाई पर लाखों रूपये खर्च करती है लेकिन उसके बावजूद शहर की सफाई नहीं हो पा रही है। गंदे पाणि एवं कचरे से भरे हुये नाले नलिया भ्रष्टाचार की तरफ़ इशारा कररहे हैं।शहर के वार्ड क्रमांक 17 एवं 9 में पानी निकासी की व्यवस्था ठीक न होने के कारण पुरा गंदा पाणी रस्तो पर निकल रहा है जिस्की वजह से नागरीको को काफी मुश्किलो का सामना करना पड रहा है,साथ ही अस्वछता की वजह से विभिन्न प्रकार के रोगानू एवं मच्छरो का प्रकोप बढ गया है। शहर के अधिकतर ऐसे परीसर है जहा सवय पार्षदो का आवासीय क्षेत्र है किंतु सफाई नही।
नागरीको का आरोप है कि मोहल्ले में गंदगी का अंबार लगा रहता है लेकिन नगर निगम के अधिकारी इस तरफ़ ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में जब पार्षदो से बात करने का प्रयास किया जाता है तो वह फोन ही नही उठाते और न ही कभी मोहल्ले में आते हैं। इस सम्बंध मे जब सावांददाता ने पार्षदो से बात की तो उन्हों ने इन सारे आरोपों को नकार दिया। उनका कहना था कि वे अपने वार्ड में हर दो चार दिन में जाते रेहते है।नगर निगम की लापरवाही से शहर में फैल रहा है गंदगी व बदबू से नागरिकों में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ रही है चुनाव से पूर्व किए गए वादे विफल नजर आरहे है प्रभाग 17 तथा 9 मे तो गंदगी का अंबर देखा जा सक्त है। दुकानदार अपनी दुकानों का कचरा उसी रास्ते में डालते हैं। जिस्की वजह से वहां कचरा फैल कर पूरी सड़क पर आ जाता है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है, नगर निगम, पार्षद या वहां के दुकानदार जो गंदगी फैलाते हैं?नगर निगम और पार्षदों की उदासीनता की वजह से परिसर के नागरिको का बाहर निकलना मुश्किल नजर आता है। एक ओर जहां पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है वहीं अकोला में इस अभियान का मजाक उडाया जा रहा है।
फोटो मे दर्शीत पार्षद डॉ जिशान हुसेन का परिसर है इस परिसर मे वे स्वयं रेहते है लेकीन इस परिसर मे हमेशा अस्वछता नजर आती है,क्षेत्र का रास्ता बरसो से निर्माणधिन पडा है।खुद डॉकटर होने के बावजुद परीसर मे अस्वछता रख कर पता नही वे क्या दर्शाना चहाते है
फोटो मे दर्शीत प्रभाग 17 राजेश मिश्रा का है परिसर मे रहेम करे ईश्वर जैसे हालात है परिसर के नागरिक बदबू एवं कचरे से परेशान है
साथ ही परिसर मे सववरो का प्रकोप बढने से वे जगह जगह गंदगी करते तथा कचरा फैलाते है देखे जा सकते है