हेरात । भारत अफ़ग़ानिस्तान रिश्तों में ओर अधिक मज़बूती लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनोअफ़ग़ानिस्तान की यात्रा पर हैं ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेरांत प्रांत में एक ऐतिहासिक बांध का उद्घाटन करने के बाद रणनीतिक लिहाज से कहा कि भारत राजनीतिक और भौगोलिक बाधाओं के बावजूद और यहां उसके मिशन पर आतंकी हमलों के बावजूद युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के हर हिस्से में सहयोग करेगा। शुक्रवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगान-भारत मैत्री बांध का उद्घाटन करने के बाद संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की आतंकवाद को खारिज करने के लिए अफगानिस्तान की जनता की प्रशंसा करनी चाहिए, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह युद्ध अफगान निर्माण के लिए नहीं था, इसने तो अफगानों की पूरी एक पीढ़ी का भविष्य चुरा लिया।’’ उन्होंने कहा कि आज अफगानिस्तान के बहादुर लोग यह संदेश दे रहे हैं कि ‘‘तबाही और मौत तथा निषेध और प्रभुत्व कायम नहीं रहेगा।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब अफगानिस्तान आतंकवाद को हराने में सफल होगा, यह दुनिया ‘‘ज्यादा सुरक्षित और खूबसूरत होगी।’’ पहले सलमा बांध के रूप में जाने जाने वाले अफगान भारत मैत्री बांध को पश्चिमी हेरात जिले में 1700 करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया है। इसका निर्माण भारत ने अफगानिस्तान के साथ विकास साझेदारी के तहत किया है। चिश्त ए शरीफ नदी के ऊपर बने इस बांध से 75 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकेगा और साथ ही 42 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। मोदी ने कहा, ‘‘यह बांध ईंटों और मोर्टार से नहीं बल्कि हमारी मैत्री के विश्वास और अफगानों एवं भारतीयों के साहस से बना है। इस गौरवपूर्ण क्षण में, हम उन जिंदगियों के प्रति दुख और आभार भी व्यक्त करते हैं, जिनका बलिदान इसलिए दे दिया गया ताकि अफगान लोग ऐसा भविष्य पा सकें, जिसके वे हकदार हैं और जिसके लिए वे बेहद इच्छुक हैं।’’ अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहने का संकल्प जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सहयोग को इस युद्ध प्रभावित देश के ‘हर हिस्से’ तक विस्तार दिया जाएगा और इस साझेदारी से अफगान समाज के हर हिस्से को लाभ मिलेगा। मोदी ने गनी की मौजूदगी में कहा, ‘‘आपकी आंखों में मैंने भारत के प्रति गहरा स्नेह साफ देखा है। आपकी मुस्कुराहटों में मैंने इस संबंध का आनंद देखा है। आपके आलिंगन की दृढ़ता में मैंने हमारी मैत्री के विश्वास को महसूस किया है।’’ अपने 25 मिनट के भाषण में मोदी ने अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया, हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर बड़े आतंकी हमले और देश की पुनर्निर्माण गतिविधियों के मुद्दों को छुआ। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की सफलता हर भारतीय की गहरी उम्मीद और इच्छा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह हमारे दिलों में अफगान लोगों के प्रति मौजूद प्रेम और सम्मान से आता है। हम आपके लोकतंत्र की जड़ें गहरी होते, आपके लोगों को एकजुट होते और आपकी अर्थव्यवस्था को समृद्ध होते देखना चाहते हैं। हम आपकी कला, संस्कृति और कविताओं को फलते-फूलते देखना चाहते हैं। हम आपके क्रिकेट खिलाड़ियों को टेस्ट खिलाड़ियों की श्रेणियों में आता और आईपीएल में नाम कमाता देखना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह इस स्वीकृति से भी आता है कि जब अफगानिस्तान सफल होगा, तब यह दुनिया ज्यादा सुरक्षित और खूबसूरत होगी। जब अफगानों को परिभाषित करने वाले मूल्य कायम हो जाएंगे, तब आतंकवाद और चरमपंथ पीछे चला जाएगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘क्योंकि हम जानते हैं कि चरमपंथ और आतंकवाद आपकी सीमा पर या हमारे क्षेत्र की सीमाओं के अंत पर नहीं रूक सकता।’’